निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?
महादेव जी गांधी जी के मंत्री थे। वे अपने मित्रों के बीच खुद को गांधी जी का हम्माल कहते थे और कभी कभी पीर बावर्ची भिश्ती खर के रूप में अपना परिचय देते थे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?
यंग इंडिया में क्रानिकल के अंग्रेज संपादक हार्नीमैन मुख्य रूप से लिखते थे। लेकिन उन्हें सरकार ने देश निकाला की सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया। इसके बाद से यंग इंडिया में साप्ताहिक लेखों की कमी रहने लगी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?
जब गांधी जी ने यंग इंडिया में संपादक का काम संभाला तो उनका काम बहुत बढ़ गया और उन्होंने यंग इंडिया को हफ्ते में दो बार प्रकाशित करने का निश्चय किया।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?
गांधीजी के पास आने से पहले अपनी विद्यार्थी अवस्था में महादेव सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी किया करते थे। साथ में उन्होंने अहमदाबाद में वकालत भी शुरू कर दी थी|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?
महादेव को पढ़ने का बहुत शौक था। इसलिए जब भी उन्हें मौका मिलता वो पढ़ने लग जाते। उनके झोलों में ताजे समाचार पत्र, मासिक पत्र और पुस्तकें ठूंस—ठूंसकर भरी रहती थीं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?
महादेव जी ने गांधीजी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग का अंग्रेजी में अनुवाद किया था। ये किताब नवजीवन में प्रकाशित होनेवाले मूल गुजराती की तरह हर हफ्ते यंग इंडिया में छपता रहा।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?
यंग इंडिया और नवजीवन, ये दोनों ही साप्ताहिक अहमदाबाद में मुख्य रूप से छपते थे। यंग इंडिया के बाद नवजीवन के भी संपादक गांधी जी हो गए थे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?
महादेव जी एक घंटे में चार घंटे का काम निपटा लेते थे। काम में रात और दिन के बीच कोई फर्क कभी नहीं काम के बीच वो कब खाते, नहाते और सोते थे, किसी को इसका पता नहीं चल पाता।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?
महादेव भाई की अकालमृत्यु से गांधीजी को गहरी चोट पहुंची थी। वो गांधीजी की इतने करीब थे कि सालों बाद प्यारेलाल से कुछ कहना होता था उनके मुख से अनायास महादेव निकलता था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
गांधी जी के लिए महादेव पुत्र से भी ज्यादा खास थे। सन 1917 में महादेव, गांधी के पास पहुंचे थे। तब गांधीजी ने उनको तुरंत पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। इसके बाद 1919 में जलियांवाला बाग के हत्याकांड के वक्त पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
गांधी जी से मिलने आनेवालो के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
गांधीजी के सामने जुल्मों और अत्याचारों की कहानियां पेश करने के लिए दल के दल गामदेवी के मणीभवन पर उमड़ते थे। महादेव उनकी बातों की संक्षिप्त टिप्पणियां तैयार करके गांधीजी के सामने पेश करते थे। साथ ही आनेवालों के साथ उनकी मुलाकातें भी करवाते थे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
महादेव भाई ने अपने विद्यार्थी जीवन के दौरान ही टैगोर, शरदचंद्र आदि के साहित्य को उलटना—पलटना शुरू कर दिया था। चित्रांगदा कच-देवयानी की कथा पर टैगोर द्वारा रचित विदाई का अभिशाप शीर्षक नाटिका, शरद बाबू की कहानियां आदि अनुवाद उनकी साहित्यिक गतिविधियों की देन है। इसके अलावा उन्होंने गांधी जी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?
महादेव वर्धा की असह्य गर्मी में रोज सुबह पैदल चलकर सेवाग्राम जाते थे। दिनभर वहाँ रहकर काम निपटाते और फिर शाम को वापस पैदल आते थे। आना जाना पूरे 11 मील होता था और उन्हें रोज यह दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ती थी| यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा। इसका उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उनकी अकाल मृत्यु के कारणों में यह भी एक कारण था|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गाँधीजी क्या कहते थे?
महादेव की डायरी में या नोट बही में कभी कोई कॉमा, मात्रा की भूल कभी नहीं होती थी। जब लोग गांधीजी के पास अपनी टाइप की हुई कॉपी ओके करवाने पहुंचते थे तो वो कहते, महादेव के लिखे नोट के साथ थोड़ा मिलान कर लेना था न। फिर लोग दांतों तले अंगुली दबाकर रह जाते थे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
सन् 1919 में जलियांवाला बाग के हत्याकांड के वक्त पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था। इसी बीच पंजाब में फौजी शासन के कारण पंजाब में राजनीतिक और आम दोनों प्रकार के लोगों पर कहर बरसाया गया| पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके फौजी कानून के तहत उम्र—कैद की सजाएं देकर कालापानी भेज दिया गया। इसी के चलते लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र ट्रिब्यून के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सजा मिली।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
महादेव जी ने किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?
महादेव भाई, गांधी जी की गतिविधियों पर नजर रखने वाले समाचार पत्रों को आड़े हाथों लेते हुए उनके खिलाफ समय-समय पर लिखा करते थे। महादेव भाई को बेजोड़ कॉलम और भरपूर चौकसाई में महारथ हासिल थी। उनमें ऊँचे-से-ऊँचे ब्रिटिश समाचार पत्रों की परंपराओं को तोड़ने और विरोधियों के साथ युक्तियुक्त विवाद करने का गुण था। इन गुणों के चलते महादेवजी देश विदेश के सारे समाचार पत्रों और एंग्लो इंडियन समाचार के बीच व्यक्तिगत रूप से उन्हें सबका लाडला बना दिया था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?
गांधीजी के साथ काम करते वक्त वो अपने लेख, टिप्पणियां, पत्र, व्याख्यान, प्रार्थना प्रवचन, और मुलाकातों का लेखा-जोखा तेजी से लिखा करते थे। उनको शॉर्टहैंड नहीं आती थी। गांधीजी से मिलने आने वाले लोगों की बातों को एक कोने में बैठ अपनी लंबी लिखावट में सारी बातचीत लिखते थे। महादेव की डायरी या बही खाते में कभी कॉमा मात्र की भी गलती नहीं होती थी। साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला। उन्होंने गांधीजी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।
महादेव भाई, गांधीजी की प्रतिभा से बहुत प्रभावित थे। वो गांधीजी के मंत्री ही नहीं बल्कि उनके सहयोगी भी थे। वो गांधीजी के हर छोटे-बड़े काम में उनकी मदद करते थे। उनके खाने-पीने से लेकर दैनिक कार्यों में उनका साथ देते थे। इस वजह से वो खुद को गांधीजी का पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर कहते थे। इसी में वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते थे|
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।
महादेव भाई, गांधीजी से मिलने से पहले वकालत का काम किया करते थे। इस पेशे में वकील को गलत काम को सही और सही काम को गलत सिद्ध करना होता है। ये भी कह सकते हैं कि किसी अपराधी को बेगुनाह और बेगुनाह को अपराधी बताकर उसे जेल भिजवाना वकीलों के पेशे का हिस्सा है। इसमें कोई सच्चाई नहीं होती है। इस वजह से महादेव भाई ने ये काम छोड़ दिया था।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारें की तरह की अचानक अस्त हो गए।
लेखक ने महादेव देसाई को शुक्रतारे के समान माना है। जिस तरह से शुक्रतारा चंद्र का साथी होता है, जो कुछ समय के लिए उसके साथ रहता है और फिर अस्त हो जाता है। इसी तरह महादेव, गांधी के सहयोगी थे। उन्होंने गांधीजी के लिए हर संभव मदद की। देश की आजादी में सहयोग दिया और एक दिन अकालमृत्यु को प्राप्त हुए।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
महादेव देसाई की लेखनी में अच्छी पकड़ थी। वो बेजोड़ कॉलम और टिप्पणियां लिखने में माहिर थे। अपनी लेखनी के दम पर वो विरोधियों को भी परास्त कर दिया करते थे। वो गांधीजी की ओर से पत्र लिखकर भेजते थे। उसे पढ़कर शिमला और दिल्ली में बैठे वाइसराय भी हैरत में पड़ जाते थे।
‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए-
साहित्य-------------------
अर्थ-----------------------
व्यक्ति----------------------
धर्म------------------------
राजनीति--------------------
वर्ष---------------------
साहित्य - साहित्यिक
अर्थ - आर्थिक
व्यक्ति - व्यक्तित्व
धर्म - धार्मिक
राजनीति - राजनीतिक
वर्ष – वार्षिक
नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए-
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि
आर्य-----------
आगत------------------
डर---------------
आकर्षण----------
क्रय------------
मार्ग-----------------
उपस्थित------------
लोक--------------
नायक-------------
भाग्य---------------
अन+आर्य= अनार्य
नि+डर - निडर
वि+क्रय - विक्रय
अन+उपस्थित - अनुपस्थित
अधि+नायक - अधिनायक
सु+आगत - स्वागत
कु+मार्ग - कुमार्ग
पर+लोक - परलोक
सौ+भाग्य - सौभाग्य
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
आड़े हाथों लेना
अस्त हो जाना
दाँतों तले अंगुली दबाना
मंत्र मुग्ध करनॉ
लोहे के चने चबाना
आड़े हाथों लेना - खरी-खोटी सुनाना
वाक्य प्रयोग - डिंपल ने नुपुर के व्यवहार से तंग आकर उसे आड़े हाथों ले लिया और खूब सुनाया।
अस्त हो जाना- समाप्त होना
वाक्य प्रयोग- दुनिया में लोगों के अंदर ईमानदारी का सूर्य अस्त हो चुका है।
दांतों तले अंगुली दबाना- आश्चर्यचकित हो जाना
वाक्य प्रयोग- नृत्यांगना को डांस करते देख वहां बैठे दर्शकों ने दांतों तले अंगुली दबा ली।
लोहे के चने चबाना- सबक सिखाना
वाक्य प्रयोग- रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को युद्ध के मैदान में लोहे के चने चबवा दिए थे।
मंत्र-मुग्ध करना- किसी भी चीज में खो जाना
वाक्य प्रयोग- लता मंगेशकर जब गाती हैं तो उनकी आवाज सुन लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए-
वारिस ------------
जिगरी------------
कहर----------
मुकाम-------------
रूबरू--------------
फ़र्क----------
तालीम----------
गिरफ़्तार---------------
वारिस- उत्तराधिकारी, वंशज
जिगरी- घनिष्ठ, गहरा
कहर- तबाही, आपदा
मुकाम- मंजिल, लक्ष्य
रूबरू- आमने-सामने, प्रत्यक्ष
फर्क- अलग होना, अंतर
तालीम- शिक्षा, ज्ञान
गिरफ्तार- कैद, बंदी
उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए-
उदाहरण- गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गांधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।
1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिशवन पर उमड़ते रहते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
4. देश विदेश के समाचार-पत्र गांधी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
5. गांधी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।
1. महादेव भाई अपना परिचर ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिशवन पर उमड़ा करते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
4. देश विदेश के समाचार-पत्र गांधी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
5. गांधी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।
गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ को पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
सत्य के प्रयोग गांधीजी की आत्मकथा है| इसमें उनके वचपन से लेकर 1921 तक के जीवन के बारे में वर्णन किया गया है| इसे उन्होंने स्वयं लिखा और साप्ताहिक तौर पर यह उनके पत्र नवजीवन में प्रकाशित होती थी| इसमें उन्होंने अपने जीवन की प्रमुख घटनाओं जिन्होंने उनके जीवन एवं सोच को दिशा दी साथ हो जीवन में सीखे गए महत्वपूर्ण पाठों के बारे में गांधीजी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है|
जलियाँवाला वाग में कौन-सी घटना हुई थी? जानकारी एकत्रित कीजिए।
जिस समय भारत पर अंग्रेजों का राज था उस समय ये घटना घटी थी। देश के क्रांतिकारी भारत को आजाद करने की जद्दोजहद कर रहे थे तभी 13 अप्रैल 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। अंग्रेजों ने आजादी के लिए चल रहे आंदोलन को रोकने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था।
दरअसल, भारत में अंग्रेजों ने कई ऐसे कानून लागू कर दिए थे जो लोगों को स्वीकार्य नहीं थे। देश की जनता ने इसका कड़ा विरोध किया। अंग्रेजों ने जो कानून लागू किया था उसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को देशद्रोह के शक के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था| इस कानून का महात्मा गांधी सहित कई क्रांतिकारियों ने विरोध किया था। इसके लिए गांधीजी ने सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया।
इसी के चलते 9 अप्रैल को सरकार ने पंजाब के दो नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। ये नेता जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। इसके विरोध में कुछ अंग्रेज अधिकारियों की भी हत्या कर दी गई। 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग में भारी संख्या में लोगों ने जमा होकर गिरफ्तारी का विरोध किया। उस दिन करीब 20 हजार लोग बाग में जमा थे। अंग्रेजों ने बेगुनाह लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और इस नरसंहार में 370 लोग मारे गए।
अहमदावाद में बापू के आश्रम के विषय में चित्रात्मक जानकारी एकत्र कीजिए।
अहमदाबाद में गांधीजी का आश्रम साबरमती नदी के किनारे स्थित है। इसकी स्थापना 1917 में हुई थी। यहीं से गांधीजी ने नमक आंदोलन शुरू किया था। गांधी जी ने इसी आश्रम में सूत कातना और कपड़ा बनाना शुरू किया था। खादी का प्रचार—प्रसार इसी आश्रम से हुआ था। गांधीजी के आश्रम के पास मगन निवास, मीरा कुटी, उद्योग मंदिर, सोमनाथ छत्रालय, गांधी स्मारक और पेंटिंग्स गैलरी भी है। पर्यटक गांधीजी के आश्रम के साथ इन जगहों पर भी घूमने आते हैं। यहां की हर वस्तु गांधीजी के त्याग और निष्ठा की कहानी को बयां करती हैं।