निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचंद कर रहे थे। उन्होंने लेखिका को पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
लेखिका को सागरमाथा नाम कयों अच्छा लगा?
सागरमाथा शब्द का अर्थ है 'सागर के माथे के समान' और एवरेस्ट सागरमाथा से प्रसिद्ध है। यह नेपाली नाम था इसलिए लेखिका को पसंद आया।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?
एवरेस्ट की ओर देखते हुए लेखिका को एक भारी बर्फ का फूल (प्लूम) दिखा जो पर्वत शिखर पर ध्वज की तरह लहरा रहा था।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?
हिमस्खलन की वजह से शेरपा कुलियों के दल में से एक की मौत हुई और चार लोग घायल हो गए थे।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?
शेरपा कुली की मृत्यु और चार के घायल हो जाने के कारण अभियान दल के सदस्यों के चेहरे पर अवसाद छा गया था जिसे देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना पड़ता है तभी इस प्रकार के एक विशिष्ट अभियान पूर्ण हो पाता है|
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
एवेरेस्ट की चढ़ाई के दौरान वहाँ की जलवायु प्रतिकूल थी| उसे सहन करना और लगातार ऊपर चढ़ना बहुत मुश्किल था| जलवायु अनुकूल न होने के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हो गई थी।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?
अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा साउथ कोल पहुंचे और 29 अप्रैल को 7900 मीटर पर उन्होंने वहां कैंप-चार लगाया।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?
जब प्रत्येक सदस्य और शेरपा कुली से बातचीत की जा रही थी तो लेखिका ने अपना परिचय ये कहकर दिया कि मैं बिलकुल ही नौसिखिया हूं और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है।
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किस शब्दों में बधाई दी?
लेखिका के एवरेस्ट पर चढ़ जाने की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उन्हें बधाई देते हुए कहा, 'मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूंगा!' उन्होंने ये भी कहा कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?
नजदीक से एवरेस्ट देखकर लेखिका को बहुत अच्छा लगा। वह उसे हैरानी से देखती रहीं। बेस कैंप पहुंचने पर उन्होंने दूसरे दिन एवरेस्ट और इसकी अन्य श्रेणियां देखीं। एवरेस्ट के सौंदर्य से वह काफी प्रभावित हुईं। लेखिका ल्होत्से और नुत्से की ऊंचाइयों से घिरी बर्फीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रहीं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?
डॉ. मीनू मेहता ने निम्नलिखित जानकारियां दीं-
• अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुल बनाना।
• बर्फ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियां बंधना।
• लट्ठों और रस्सियों का इस्तेमाल करना।
• अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी।
किसी भी अनजान पथ पर जाने के लिए दी गई ये जानकारियां अति आवश्यक थीं। अगर आप पर्वतीय यात्रा करने निकले हैं तो ये विस्तृत जानकारी आपके काम की हो सकती है नहीं तो रोमांचक यात्रा खतरनाक मोड़ भी ले सकती है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?
तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक पक्की पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास पर पहुंच जाना चाहिए था। कठिन रोमांचक कार्य करना लेखिका को पसंद था। हालांकि एवरेस्ट उनका पहला अभियान था लेकिन ऐसा लगता था कि जैसे लेखिका को पर्वतीय स्थानों के बारे में पहले से बहुत सारी जानकारी और अनुभव हो वे पहले भी पर्वतीय यात्राएँ कर चुकी हों| तेनजिंग ने जब उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें प्रत्साहित किया तो उन्हें बहुत अच्छा लगा।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?
लेखिका लोपसांग, एन.डी.शेरपा, तशारिंग और आठ अन्य शरीर से काफी मजबूत और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ने में अभ्यस्त शेरपाओं के साथ चढ़ाई करना चाहती थीं। जब वह साउथ कोल पहुंचीं तो जय और मीनू उनसे काफी पीछे रहे गए थे। बाद में वे भी पहुंच गए। अगले दिन सुबह 6.20 के करीब वह अंगदोरजी के संग चढ़ाई करने निकल गईं जबकि अन्य कोई भी उनका साथी उस समय उनके साथ चलने को तैयार नहीं था। अन्य पर्वतरोहियों के साथ चढ़ते हुए खतरों से जूझने की वह आदी हो गई थीं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
लोपसंग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?
लेखिका जब गहरी नींद में सो रही थीं तो उनके सिर के पिछले हिस्से से कोई चीज टकराई जिससे उनकी नींद खुल गई। कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से बर्फ का एक टुकड़ा गिरा था जिस वजह से कैंप तहस-नहस हो गया था। लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी से तंबू का रास्ता साफ किया। उन्होंने लेखिका के पास से बड़े-बड़े हिमखंड हटाए और चारों तरफ फैली हुई कठोर बर्फ की खुदाई की। इसके बाद ही बाहर निकलने का रास्ता साफ हो पाया।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की?
साउथ कोल कैंप पहुंचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई के लिए खाना, कुकिंग गैस और ऑक्सीजन के कुछ सिलेंडर एकत्रित कर लिए थे। बाद में लेखिका अपने दल के दूसरे साथियों की मदद करने के लिए एक थरमस में जूस और एक में चाय भरने के लिए नीचे उतर गईं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
उपनेता प्रेमचंद्र ने किन स्थितियों से अवगत कराया?
उपनेता प्रेमचंद अग्रिम दल का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने पहली बड़ी बाधा खंबु हिमपात की स्थिति से पर्वतरोहियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उनके दल ने कैंप जो हिमपात के ठीक ऊपर है वहां तक के रास्ते को साफ कर दिया है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पुल बनाकर, रस्सियां बांधकर और झंडियों से रास्ता चिन्हित कर सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। प्रेमचंद ने सभी लोगों को इस बात का भी ख्याल करवाया कि ग्लेशियर बर्फ की नदी है और बर्फ अभी भी गिर रही है। हिमपात में अमियमित और अनिश्चत बदलाव की वजह से अभी तक के किए गए सभी बदलाव बेकार जा सकते हैं और हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
जब बर्फ के खंड अव्यवस्थित ढंग से गिरते हैं तो हिमपात बनता है। हिमपात अनियमित और अनिश्चित होता है। ग्लेश्यिर के गिरने से अक्सर बर्फ में हलचल हो जाती है और इस प्रकार के अन्य हलचलें ही हिमपात का कारण बनती हैं| इससे बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्टानें गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में नीचे की ओर गिरने लगती हैं जिस वजह से खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। धरातल पर दरारें पड़ जाती हैं जो अक्सर गहरी-गहरी चौड़ी दरारों का रूप ले लेती हैं। इस वजह से पर्वतरोहियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
लेखिका गहरी नींद में सो रही थीं। जब रात के करीब 12.30 बजे तो उनके सिर के पिछले हिस्से पर कोई सख्त चीज आकर टकराई जिससे उनकी नींद खुल गई। इसके साथ ही एक जोरदार धमाका भी हुआ। उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगी। एक बड़ा सा बर्फ का पिंड कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था जिसका विशाल हिमपुंज बना गया था। हिमखंडों, बर्फ के टुकड़ों और जमी हुई बर्फ के इस विशालकाय पुंज की गति इतनी तेज थी कि इससे कोई एक्सप्रेस रेलगाड़ी और भीषण गर्जना भी पीछे छूट जाए। कैंप तहस-नहस हो गया था। वास्तव में वहाँ उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को चोट लगी लोकिन आश्चर्य की बात यह थी कि वहाँ किसी की भी मृत्यु नहीं हुई बल्कि सभी लोग पूर्णतः सुरक्षित बच गए थे|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
लेखिका को देखकर 'की' हक्का-बक्का क्यों रह गया?
चढ़ाई करने के लिए जय लेखिका का साथी था। उसे भी लेखिका के साथ पर्वत शिखर पर जाना था लेकिन सामान ढोने के कारण शिखर कैंप पर पहुंचने में उसे देरी हो गई थी। इसलिए लेखिका उसके लिए चाय-जूस लेकर उसे रास्ते में लेने पहुंची। बर्फीली हवाएं चल रही थीं जिस वजह से नीचे जाना खतरे से खाली नहीं था। लेखिका को जय जेनेवा स्पर की चोटी के करीब ही मिला| उसने कृतज्ञतापूर्वक चाय पी और लेखिका को आगे जाने से मना किया| लेकिन लेखिका को 'की' से मिलना था। थोड़ा सा और नीचे उतरने पर लेखिका को की दिखा। लेखिका को नीचे उतरता देख की हक्का-बक्का रह गया कि लेखक यहाँ तक कैसे पहुँच गयी जबकि की ने इसकी अपेक्षा नहीं की थी|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप बनाए गए जिनका वर्णन निम्नलिखित है-
• बेसकैंप- ये कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया था। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं पर रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे।
• कैंप एक- ये हिमपात वाली जगह से लगभग 6000 मीटर की ऊंचाई पर लगाया था। यहां हिमपात से सामान उठाकार कैंप तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
• कैंप दो- 16 मई के दिन सभी लोग प्रातः काल इस कैंप में पहुंचे| यहां पर जिस शेरपा की टांग टूट गई थी उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया और आवश्यक उपचार किया गया|
• कैंप तीन- ये कैंप ल्होत्से पहाड़ियों के आंगन में स्थित था। यहां नाइलॉन के बने तंबू में लेखिका और उसके सभी साथी सोए हुए थे|
• कैंप चार- ये समुद्र के 7900 मीटर ऊपर था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए चढ़ाई शुरू की गई थी। इसे 29 अप्रैल 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा ने मिलकर लगाया था।
• साउथ कैंप कोल- यहीं से सभी लोगों ने अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू की थी।
• शिखर कैंप- यह कैंप पर्वत की सबसे ऊंची चोटी के ठीक नीचे स्थित था। इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुंच गए थे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?
जब लेखिका एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रही थीं तो वहां पर जमी बर्फ सीधी और ढलाऊ थी। उनके पहुंचने पर वहां तेज हवा के कारण हर्फ उड़ रही थी। चट्टानें इतनी भुरभुरी थी कि ऐसा लग रा था जैसे शीशे की चट्टानें बिछी हों। बर्फ को काटने के लिए उन लोगों को फावड़े का इस्तेमाल करना पड़ा ताकि वे स्वयं को सुरक्षित और स्थिर रख सकें। एवरेस्ट की चोटी शंकु आकार थी और वहां इतनी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति एक साथ खड़े हो पाएं। चारों ओर बस हजारों मीटर लंभी सीधी ढलान थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60) शब्दों में लिखिए-
सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?
बचेंद्री के व्यवहार से सहयोग और सहायता का परिचय उस समय मिलता है जब उसने अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने का निर्णय लिया। लेखिका ने एक थरमस में जूस और दूसरे में चाय भरी और बर्फीली हवा चलने के बावजूद वह तंबू से बाहर निकलीं और नीचे उतरने लगीं।
वह ये जूस और चाय लेकर अपने पर्वतारोही साथी जोकि पीछे छूट गया था को देने के लिए जा रही थीं। जय ने उनके इस प्रयास को खतरनाक बताया तो उसकी इस बात के जवाब में बचेंद्री ने कहा, 'मैं भी और की तरह पर्वतरोही हूं, इसलिए इस दल में आई हूं। शारीरिक रूप से ठीक हूं। इसलिए अगर मैं अपने साथियों को मदद करने के लिए थोडा बहुत जोखिम उठा सकती हैं अगर उन्हें मेरी मदद की आवश्यकता है| यह वाकया उनकी सहयोगी प्रवृत्ति को दर्शाता है।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
आशय- कर्नल खुल्लर ने अभियान दल के सदस्यों से यह शब्द कहे थे। इस बात के माध्यम से वे अपने साथियों को एवरेस्ट पर चढ़ाई के महत्त्व और उसके साथ जुड़े खतरों के बारे में बताना चाहते थे| उनका आशय था कि एवरेस्ट पर पहुंचना एक बहुत ही महान अभियान है और किसी भी महान कार्य के साथ उतने खतरे भी जुड़े होते हैं| इसी कारण एवरेस्ट की चढ़ाई में भी अनेक खतरे हैं| कभी-कभी किसी सदस्य की मृत्यु भी हो जाती है। पर्वत चढ़ते समय आप जान जोखिम में डालकर चढ़ाई करते हो। अगर ऐसा कठिन कार्य करते हुए आपकी जान भी चले जाए तो उसे स्वभाविक और सामान्य घटना के रूप में लेना चाहिए। इस बात को लेकर बहुत भयभीत और हाय तौबा नहीं मचानी चाहिए क्योंकि इस अभियान के साथ उस प्रकार के खतरे जुड़े हुए हैं और आप उन खतरों को उठाये बिना इसे पूर्ण नहीं कर सकते|
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
आशय- हिमपात का अव्यवस्थित रूप से गिरना स्वयं में डरावना था। धरातल में दरार पड़ने का विचार और हिमपात तथा ग्लेशियर के बहने की वजह से बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्टानों के गिरने का बात सुनकर लेखिका का भयभीत होना स्वाभाविक था। बर्फ की चट्टानों के गिरने से कई बार धरातल पर पड़ी दरारें बहुत गहरी और चौड़ी बर्फ से ढकी हुई गुफाओं में बदल जाती थीं, जिनमें धंसकर मनुष्य की यदि मृत्यु भी हो जाए तो कोई असामान्य बात नहीं थी।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी सी पूजा अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।
आशय- बचेंद्री एवरेस्ट शंकुनुमा चोटी पर पहुंचने वाली प्रथम महिला थीं। ऐसा वे अपने साहस और हिम्मत के कारण कर पायी थीं। एवरेस्ट के ऊपर दो लोगों का एक साथ खड़ा होना भी मुश्किल क्योंकि वह उतना संकीर्ण स्थान था| उन्होंने सबसे पहले बर्फ को काटने के लिए फावड़े से खुदाई कर खुद को सुरक्षित किया और घुटनों के बल बैठकर सागरमाथा के ताज को चूमा। पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने एक लाल कपड़े में दुर्गा मां का चित्र और हनुमान चालीसा लपेटी और उसे बर्फ में दबा दिया। इस आनंद के पल में वह माता-पिता का स्मरण करने लगीं। यह बचेंद्री के लिए अत्यंत गौरव का क्षण था। आज भी बचेंद्री पाल को एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला के रूप में जाना जाता है।
इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर कीजिए-
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौसिखिया
निहारा है- प्रसन्नतापूर्वक देखना।
लेखिका जब नमचे बाजार पहुंचीं तो उन्होंने सबसे पहले एवरेस्ट देखा, वह उसे देखते ही सौंदर्य मुग्ध हो गईं। इसलिए लेखिका ने इसे मात्र देखना ना कहकर निहारा है कहा है।
धसकना- नीचे की तरफ फंसना।
जब धरती का कुछ हिस्सी नीचे की ओर धस जाता है तो वह धसकना कहलाता है।
खिसकना- अपनी जगह से हटकर थोड़ा परे हो जाना।
अकसर हिमपास से बर्फ की बड़ी बड़ी चट्टानें खिसक जाती हैं।
सागरमाथा- संसार का सबसे ऊंचा स्थान।
जिस स्थान से लेखिका ने हिमालय की चढ़ाई शुरू की थी, वह समुद्र तक का सर्वोच्च स्थान है इसलिए उसे सागरमाथा कहा गया है।
जायज़ा लेना- जांच-परख करना
किसी भी स्थान पर कोई कार्य करने से पहले वहां का जायजा लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नैसिखिया- किसी कार्य में नया।
तेनजिंग को लेखिका ने अपना परिचय देते हुए खुद को नौसिखिया कहा।
निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम चिन्ह का प्रयोग कीजिएः
क) उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए
ख) क्या तुम भयभीत थीं
ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री
1- उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुंच जाना चाहिए।“
2- “क्या तुम भयभीत हो”?
3- “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली? बचेंद्री।“
नीचे दिए गए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
उदाहरण- हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था|
टेढ़ी-मेढ़ी
हक्का-बक्का
गहरे-चौड़े
इधर-उधर
आस-पास
लंबे-चौड़े
टेढ़ी-मेढ़ी- पहाड़ों पर सड़कें टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं।
हक्का-बक्का- अपने बेस्ट फ्रेंड के फेल होने की खबर सुनकर वह हक्का-बक्का रह गया।
गहरे-चौड़े- उसके घर के रास्ते में सड़क बन रही है तो अभी वहां गहरे-चौड़े गड्ढे हैं।
इधर-उधर- सीधा मुद्दे पर आओ और इधर-उधर की बातें करना बंद करो।
आस-पास- गांव के आस-पास अक्सर खेत देखने को मिलते हैं।
लंबे-चौड़े- राधा की बुराई करते हुए राजू ने उसके सारे लंबे-चौड़े चिट्ठे खोलकर रख दिए।
उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द लिखिए-
उदाहरणः अनुकूल- प्रतिकूल
नियमित- ..............
विख्यात-............
आरोही-.................
निश्चित-............
सुंदर- ......................
नियमित- अनियमित
विख्यात- कुख्यात
आरोही- अवरोही
निश्चित- अनिश्चित
सुंदर- असुंदर
निम्नलिखित शब्दों मे उपयुक्त उपसर्ग लगाइए-
वास, व्यवस्थित, कूल, गति, रोहण, रक्षित
वास- प्रवास
व्यवस्थित- सुव्यवस्थित
कूल- प्रतिकूल
गति- प्रगति
रोहण- आरोहण
रक्षित- आरक्षित
निम्नलिखित क्रिया विशेषणों को उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
अगले दिन, कम समय में, कुछ देर बाद, सुबह तक
क) मैं..............यह कार्य कर लूँगा।
ख) बादल घिरने के .................ही वर्षा हो गई।
ग) उसने बहुत.............इतनी तरक्की कर ली।
घ) नाङकेसा को...............गाँव जाना था।
(क) मैं सुबह तक यह कार्य कर लूंगा।
(ख) बाल घिरने के कुछ देर बाद ही वर्षा हो गई।
(ग) उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।
(घ) नाड़केसा को अगले दिन गांव जाना था।
इस पाठ में आए दस अंग्रेजी शब्दों का चयन कर उनके अर्थ लिखिए।
1- बेस कंप
2- साउथ कोल
3- नाइलॉन
4- वॉकी-टॉकी
5- स्ट्रेचर
6- कुकिंग गैस
7- किलोमीटर
8- एवरेस्ट
9- ग्लेशियर
10- थरमस
पर्वतारोहण से संबंधित दस चीजों के नाम लिखिए।
पर्वतारोहण से संबंधित दर चीजों के नाम निम्नलिखित हैं-
1- नाईलॉन की रस्सी
2- तंबू
3- कैंप
4- ऑक्सीजन
5- फावड़ा
6- झंडियां
7- धुरी
8- वॉकी-टॉकी
9- लट्ठे
10- थरमस
तेनजिंग शेरपा की पहली चढ़ाई के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
29 मई, 1953 को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर नेपाल के बहादुर शेरपा तेनजिंग नॉरगे ने एवरेस्ट पर पहली बार चढ़ने का रिकॉर्ड बनाया। इस कारनामे को तेनजना शेरपिंग के साथ न्यू जीलैंड के एडमंड हिलरी ने अंजाम दिया था। एवरेस्ट की चोटी पर जितनी भी तस्वीरें ली गईं उन सभी में तेनजिंग ही नजर आ रहे थे क्योंकि उन्हें फोटो खींचना नहीं आता था।
तेनजिंग एक शेरपा थे और वे बहुत ही सरल स्वभाव के थे| उन्होंने एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने के दौरान उस पर सबसे पहले कदम रखने का श्रेय हिलरी को दिया।
इस अभियान के लीडर कर्नल हंट थे। हंट खुद पीछे रहे और सफलतापूर्वक इस अभियान का नेतृत्व किया। वह अगर चाहते तो चोटी पर चढ़ने वाली टीम का हिस्सा बन सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अन्यों को इस अभियान को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में उनकी मदद की ताकि अन्य लोग जो एवरेस्ट पर चढ़ाई करने आये थे अपने सपने को पूरा कर सकें|
इस पर्वत का नाम ‘एवरेस्ट’ क्यों पड़ा? जानकारी प्राप्त कीजिए।
माउंट एवरेस्ट का नाम वेल्स के सर्वेयर और जियोग्राफर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि सबसे पहले जॉर्ज एवरेस्ट ने ही एवरेस्ट की सही ऊंचाई और लोकेशन बताई थी| इसी कारण से जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर साल 1865 में माउंट एवरेस्ट को नाम दिया गया। इससे पहले इसे पीक-15 के नाम से जाना जाता था। माउंट एवरेस्ट को तिब्बती लोग चोमोलंगमा और नेपाली लोग सागरमाथा (स्थानीय नाम) कहते थे।
जॉर्ज एवरेस्ट वर्ष 1830 से 1843 के दौरान भारत के सर्वेयर जनरल रहे थे। 1862 में रॉयल जियोग्राफल सोसाइटी के वाइस प्रेसिडेंट रहे। इतना ही नहीं, अपने कार्यकाल में उन्होंने ऐसे उपकरण पेश किए, जिनसे सर्वे का सटीक आंकलन किया जा सकता है।