कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?
कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी निम्नलिखित कारणों से ली जाती होगी-
(क) इससे पशुओं की संख्या की जानकारी हो जाती होगी|
(ख) कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।
(ग) अगर कोई पशु बीमार है तो उसका पता लगाया जा सके जिससे दूसरे पशुओं को उस बीमारी से बचाया जा सके।
(घ) नीलामी के लिए पशुओं की उचित संख्या का पता लगाने हेतु।
छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?
छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम उमड़ने के निम्नलिखित कारण हैं-
(क) लड़की की माँ नहीं थी, उसकी सौतेली माँ उसे मारती रहती थी। इसीलिए बैलों से उस छोटी बच्ची की आत्मीयता हो गई थी।
(ख) लड़की तथा दोनों बैल सदा प्यार से वंचित रहे थे इसलिए वह एक दूसरे का कष्ट समझते थे कि किसी अपने से बिछड़ने का दुःख क्या होता है।
(ग) बच्चों का मन कोई छल-प्रपंच नहीं समझता है| उसी प्रकार उस बच्ची का भी मन इन सब बातों से दूर था एवं बस प्यार की भाषा समझता था इसलिए वह हीरा-मोती पर अत्याचार होते नही देख सकी और बच्ची का उनके प्रति प्रेम उमड़ आया।
कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं?
कहानी में बैलों के माध्यम से निम्नलिखित नीति-विषयक मूल्य उभरकर आए हैं-
(क) दो बैलों की कथा के माध्यम से लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है।
(ख) यह कहानी हमे बताती है की स्वतंत्र रहना किसी भी प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है फिर चाहे वो मनुष्य हो या पशु।
(ग) इस कहानी में नारी के सम्मान की बात की गयी है| यहाँ बताया गया है की नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है तथा हमें उसका सम्मान करना चाहिए।
(घ) इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद ने यह नीति-विषयक मूल्य हमारे सामने रखा है कि सच्ची मित्रता वही है जो हर सुख दुःख में साथ हो| जिस प्रकार मुसीबत के समय हीरा-मोती एक-दूसरे का साथ देकर सच्ची मित्रता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
(ङ) इस कहानी के माध्यम से लेखक ने ‘एकता में शक्ति’ का उदाहरण प्रस्तुत किया है| जिस प्रकार हीरा-मोती मिलकर बलशाली साँड को हरा देते है| उसी प्रकार हम भी अगर मिल जुल कर कार्य करें तो हम कितने भी कठिन कार्य को आसानी से कर सकते हैं|
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
आमतौर पर गधे को उसके स्वभाव के आधार पर मुर्खता का पर्याय समझा जाता है इसीलिये लोग गधे के लिए मूर्ख शब्द का प्रयोग करते हैं। परन्तु प्रेमचंद ने उसकी स्वाभाविक विशेषताओं को सरलता और सहनशीलता के आधार पर बताना चाहा है कि गधा कितना सहनशील और सरल प्राणी होता है| जानवर हो या मनुष्य क्रोध सभी को आता है| परन्तु एक मात्र गधा ही ऐसा प्राणी है जो सब अत्याचार चुपचाप सहन कर लेता है। वह हर प्रकार के अत्याचारों को सहता जाता है| इन सभी गुणों के बावजूद उसे बेवकूफ कहा जाता है। गधे में निहित गुणों के आधार पर लेखक ने उसकी तुलना ऋषि- मुनियों से की है।
किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
कहानी के कुछ प्रसंगों के माध्यम से यह बात स्पष्ट होती है की हीरा और मोती दोनों बैलों में गहरी दोस्ती थी –
(1) दोनों एक दूसरे को चाटकर और सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे। इससे उनकी गहरी दोस्ती और आत्मीयता की पहली झलक मिल जाती है|
(2) जब ये दोनों बैल हल या गाड़ी में जोत दिए जाते तो दोनों ज़्यादा से ज़्यादा बोझ स्वयं झेलकर दूसरे को कम बोझ देने की चेष्टा करते।
(3) नाद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ ही नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक के मुँह हटा लेने पर दूसरा भी हटा लेता था।
(4) जब कुछ लोगों ने खेत से पकड़कर ले जाने के लिए दोनों को घेर लिया तब हीरा निकल गया परन्तु मोती के पकड़े जाने पर वह भी बंधक बनने के लिए स्वयं ही लौट आया।
(5) कांजीहौस की दीवार के टूटने पर जब हीरा ने भागने से मना कर दिया तो अवसर होने के बावजूद भी मोती उसे छोड़कर नहीं भागा।
‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’ हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
हीरा के कथन से लेखक का दृष्टिकोण ज्ञात होता है कि उस समय समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी नहीं थी। वे पुरूषों द्वारा शोषित थीं। प्रेमचंद के मन में नारी जाति के प्रति सम्मान की भावना थी और ऐसा प्रेमचंद की साहित्यिक रचनाओं में भी आसानी से देखने को मिल जाता है। उनकी कहानी में नारी के सम्मान की बात होती है एवं यह भी बताया जाता है की नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है, वह पूजनीय है तथा हमें उनका सम्मान करना चाहिए। नारी के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।
किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
पशु आदिकाल से ही मनुष्यों के साथी रहे हैं। मनुष्य ने कभी उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए पाला तो कभी आर्थिक लाभ के लिए। प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती, दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं इसीलिये वे गया के घर से भागकर पुनः झूरी के पास वापस आ जाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है की केवल मनुष्य ही नहीं अपितु पशु भी प्यार की भाषा समझता हैI
‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे’- मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
मोती के इस कथन से उसकी निम्नलिखित विशेषताएँ उभर कर सामने आती हैं –
(क) वह आशावादी है क्योंकि उसे अभी भी यह विश्वास है कि वह इस कैद से मुक्त हो सकता है।
(ख) वह स्वार्थी नहीं है। वह खुद से पहले कांजीहौस में बंद जानवरों की जान बचाता है।
(ग) मोती स्वभाव से उग्र ज़रूर है, पर दयालू एवं साहसी भी है।
(घ) मोती सच्चा मित्र है। वह मुसीबत के समय हीरा का साथ नहीं छोड़ता है।
आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
(क) यहाँ लेखक का आशय पशुओं में एक दूसरे के प्रति स्नेह एवं लगाव से है। पशु एक दूसरे के विचार, भाव तथा शब्द इतनी आसानी से समझ जाते हैं जो मनुष्यों में देखने को नहीं मिलता। हीरा और मोती गहरे मित्र थे। वे एक-दूसरे से बिना कुछ कहे एक-दूसरे के भावों को समझ जाते थे।
(ख) यहाँ मनुष्य तथा पशुओं के आत्मीय सम्बन्धों को व्यक्त किया गया है। दिन भर के अत्याचार के बाद उस छोटी सी लड़की द्वारा प्रेम से दी गयी वो एक रोटी भी उनके लिए भर पेट भोजन के समान थी उस रोटी से उनकी भूख तो नहीं मिटती थी परन्तु दोनों के हृदय को संतुष्टि मिलती थी।
गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
(सही उत्तर के आगे (â) का निशान लगाइए।)
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।
हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती को इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
मेरे विचार में अत्याचार करने से ज्यादा उसे सहने वाला दोषी होता है इस कहानी में हीरा और मोती पर बहुत अत्याचार किए गए, उनका शोषण किया गया। परन्तु हीरा और मोती ने इसे चुपचाप सहने के बजाए इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई, भले ही इसके लिए उन्हें प्रताड़ना सहनी पड़ी तथा बहुत सारे अन्य प्रकार के कष्टों का सामना भी करना पड़ा। शोषित रहकर घुट-घुटकर जीने तथा हर साँस के लिए दूसरे पर आश्रित रहने से अच्छा है की उस परिस्थिति का विरोध किया जाए और उससे बाहर निकलने के रास्ता निकाला जाए। इससे शोषक अपनी मनमर्जी नहीं कर पाता है और संभव है हम भी उस समस्या से बाहर निकल सकते हैं|
क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
प्रेमचंद स्वतंत्रता पूर्व के दौर के लेखक हैं। इनकी रचनाओं में भी इसका प्रभाव देखा गया है। “दो बैलों की कथा” नामक कहानी भी इससे अछूती नहीं है।
मनुष्य हो या पशु पराधीनता किसी को भी स्वीकार नहीं है। सभी स्वतंत्र होना चाहते हैं। प्रस्तुत कहानी का मूल आधार भी यही है। प्रेमचंद ने अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचारों को मनुष्य तथा पशु के माध्यम से व्यक्त किया है। इस कहानी में उन्होंने यह भी कहा है कि स्वतंत्रता सहज ही नहीं मिलती, इसके लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। जैसे क्रांतिकारियों को कालापानी की सजा होती थी उसी तरह इनको भी कांजीहौस में बंद कर दिया जाता है। वहाँ ये अपने साथियों को मुक्त कराते हैं। दोनों को मारने के लिए बाधिक के हाथों बेच दिया जाता है, परंतु अंततः ये झूरी के घर अर्थात स्वदेश वापस आ जाते हैं। इस प्रकार से यह कहानी आज़ादी की भावना से जुड़ी है।
वह इतना ही काफी है।
फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।
‘ही’, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
निपात युक्त पाँच वाक्य-
‘ही’ निपात-
(1) एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
(2) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित था।
(3) अहत-सम्मान की व्यथा तो थी ही, उस पर मिला सुखा भूसा।
(4) हाँ, साँड ही है।
(5) अभी दो ही चार ग्रास खाए थे कि दो आदमी लाठियाँ लिए दौड़ पड़े और दोनों मित्रें को घेर लिया।
‘भी’ निपात-
(1) अगर वे भी ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख जाते तो शायद सभ्य कहलाने लगते।
(2) एक मूँह हटा लेता, तो दूसरा भी हटा लेता।
(3) झूरी इन्हें फूल की छड़ी से भी न छूता था।
(4) मुझे मारेगा, तो मैं भी एक-दो को गिरा दूँगा।
(5) यहाँ भी किसी सज्जन का वास है।
रचना के आधार पर वाक्य-भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखें लाल थी और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
(ड-) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
(क) वाक्य भेद- मिश्र वाक्य
प्रधान वाक्य- दीवार का गिरना था
संज्ञा आश्रित उपवाक्य- अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
(ख) वाक्य भेद- मिश्र वाक्य
प्रधान वाक्य- सहसा एक दढ़ियल आदमी आया।
विशेषण आश्रित उपवाक्य- जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर।
(ग) वाक्य भेद- मिश्र वाक्य
धान वाक्य- हीरा ने कहा
संज्ञा आश्रित उपवाक्य- गया के घर से नाहक भागे।
(घ) वाक्य भेद- मिश्र वाक्य
प्रधान वाक्य- बिकेंगे
क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य- मैं बेचूँगा तो
(ड-) वाक्य भद- मिश्र
वाक्य प्रधान वाक्य- तो मैं बे- मारे न छोड़ता
क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य-अगर वह न पकड़ता
कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(क) मुहावरा - हिम्मत हारना
अर्थ- निराश होना
वाक्य– भारतीय सेना के जोश और साहस को देखकर दुश्मन की सेना हिम्मत हर गई।
(2) मुहावरा- टकटकी लगाना
अर्थ- निरंतर देखना
वाक्य- राम पिताजी के इंतजार में दरवाजें पर टकटकी लगाए देखता रहा।
(3) मुहावरा- जान से हाथ धोना
अर्थ- मर जाना
वाक्य- बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने पर जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
(4) मुहावरा- ईंट का जवाब पत्थर से देना
अर्थ- कड़ी प्रतिक्रिया
वाक्य - युद्ध के मैदान में भारतीय सैनिकों ने दुश्मन की ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
(5) मुहावरा- दाँतों पसीना आना
अर्थ- कठिन परिश्रम करना
वाक्य- इतना भारी सामान उठाने से राकेश के दाँतों पसीने आ गए।