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Kaamchor

Class 8th Hindi वसंत भाग 3 CBSE Solution
Kahani Se
  1. कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के हैं?’ किनके बारे में और क्यों कहा गया?…
  2. बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई?
  3. या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ?…
  4. क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।…
  5. कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती हैं?
Kahani Se Aage
  1. घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें…
  2. भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? ‘कामचोर’ कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।…
  3. बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? ‘कामचोर’…
  4. ‘कामचोर’ कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की? इन दोनों तरह के परिवारों में…
Anuman Aur Kalpana
  1. घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।…
  2. कहानी में एक समृद्ध परिवार के ऊधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों…
  3. किसी सफल व्यक्ति की जीवनी से उनके विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या के बारे में पढ़ें और…
Bhasha Ki Baat
  1. धुली-बेधुली बालटी लेकर आठ हाथ चार थनों पर पिल पड़े। धुली य् शब्द से पहले ‘बे’ लगाकर…

Kahani Se
Question 1.

कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के हैं?’ किनके बारे में और क्यों कहा गया?


Answer:

कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के हैं?’ उन आलसी और कामचोर बच्चों पर तंज था जो कुछ काम नहीं करते थे। उनके बारे में ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि वे काम को हाथ लगाना तो दूर की बात है, खुद से उठकर पानी तक नहीं पी सकते थे। उन्होंने सारा काम नौकरों के भरोसे छोड़ रखा था। वह कभी खुद से कोई काम करना पसंद नहीं करते थे। उन्हें हर काम के लिए नौकरों की जरूरत थी। वे सिर्फ खा चाटकर मोटे हो रहे थे। इसी वजह से कहानी में ऐसे बच्चों के लिए ‘मोटे-मोटे किस काम के हैं?’कहा गया है।



Question 2.

बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई?


Answer:

वैसे तो बच्चे काम करने के बिल्कुल इच्छुक नहीं थे। लेकिन तनख्वाह के लालच में उन्होंने काम संभालने की बजाये इतना फैला दिया जैसे वहां कोई तूफान आया हो। उनके इस रवैये से घर की निम्नलिखित दशा हुई-

(क) पूरा घर धूल और कीचड़ से भर गया।


(ख) झाड़ू टूट चुकी थी और उसकी सींके गायब थीं।


(ग) सब जगह घर के बर्तन ऐसे फैले थे जैसे वहां कोई तूफान आया हो।


(घ) पालतू भेड़ें और मुर्गियां घर में इधर-उधर मंडरा रही थीं।


(घ) घर में मौजूद खाने का सामान भी बिखरा पड़ा था।



Question 3.

या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ?


Answer:

‘या तो मुझे रख लो या बच्चा राज कायम कर लो’ ये शब्द अम्मा ने उस वक्त कहे थे जब बच्चों ने तनख्वाह के लालच में खुद काम की जिम्मेदारी उठाने को कहा। हालांकि काम करने की बजाये उन्होंने चीजों को इतने अव्यवस्थित तरीके से बिखेर दिया मानो जैसे कोई तूफान आया हो। इसके निम्नलिखित परिणाम हुए।

(क) बच्चों के हाथ में काम सौंपने के बाद अम्मा ने कहा या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे रख लो।


(ख) अम्मा अपने मायके जाने की धमकी देने लगीं।


(ग) पिताजी ने बच्चों को घर के किसी काम को हाथ न लगाने की सख्त हिदायत दे दी।



Question 4.

क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।


Answer:

कहानी के अंत में बच्चों ने घर का कोई काम न करने का फैसला किया। उन्होंने फैसला किया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए वो अपनी जगह से उठकर पानी तक नहीं पिएंगे। बच्चों के इस फैसले का बिल्कुल समर्थन नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे उनके अंदर आलस्य और कामचोरी का भाव पनपने लगेगा। नौकरों पर पूरी तरह आश्रित होने के कई नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। इससे न सिर्फ वे अपना जीवन नष्ट कर लेंगे बल्कि आगे चलकर माता-पिता, परिवार और समाज पर भी बोझ बन जाएंगे। बच्चों के व्यवहार में कामचोरी आने से उनका भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा।



Question 5.

कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती हैं?


Answer:

‘कामचोर’ कहानी हमें अपने बच्चों को नौकरों का आदी न होने का संदेश देती है। यह बात सच है कि हमें बचपन से ही अपने बच्चों को छोट-छोटे घरेलू कामों की आदत डालनी चाहिए। इससे न सिर्फ वे मेहनती बनेंगे, बल्कि दैनिक कार्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझेंगे। अगर हम शुरू से ही बच्चों को छोट-मोटे कामों के लिए न टोकें तो आगे चलकर कामचोरी उनके व्यवहार में शामिल हो जाएगी। ऐसे बच्चे भविष्य में अपने माता-पिता का सहारा बनने की बजाये उन पर बोझ बन जाएंगे। माता-पिता के लाड़-प्यार से पले बच्चे अक्सर आगे चलकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझने में मात खा जाते हैं और जीवन में परेशानियों से घबरा जाते हैं|




Kahani Se Aage
Question 1.

घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें करना आवश्यक क्यों हैं?


Answer:

किसी भी व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार काम करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योकि जब कोई व्यक्ति अपनी शक्ति और क्षमता के मुताबिक काम करता है तो वो काम सफल और सुख देने वाला होता है। फिर चाहे वो घर का काम हो या निजी काम। घर पर अगर आप काम के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और मन से काम करेंगे तो परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ आपका किसी तरह का मनमुटाव नहीं होगा। कभी भी अपने कामों को लेकर किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होना चाहिए। अगर हम अपने घर का काम या अपना निजी काम नहीं करेंगे तो हम कामचोर बन जाएँगे।



Question 2.

भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? ‘कामचोर’ कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।


Answer:

भरा-पूरा परिवार निम्नलिखित स्थितियों में सुखद बन सकता है:

घर का प्रत्येक सदस्य बिना बोझ समझे मन लगाकर काम करे। काम को पूरी तरह निष्ठा तथा ईमानदारी से करे। यदि किसी सदस्य का काम अन्य सदस्यों से अधिक है तो उसकी तुलना कम काम करनेवाले व्यक्ति से बिल्कुल भी न करें। इसके अलावा ‘कामचोर’ कहानी के आधार पर यह भी कह सकते हैं कि बच्चों में शुरू से ही काम करने की आदत पैदा करनी चाहिए अन्यथा उन पर अचानक जिम्मेदारी डालने से वे काम को सही तरीके से नहीं करेंगे। उनको शुरू से ही अपने साथ काम पर लगाकर घर को सुखद बनाया जा सकता है।


भरा-पूरा परिवार दुखद तब बन सकता है जब:


घर के सदस्य कार्य करने में आना-कानी करें। वे काम से जी चुराएँ। प्रलोभन आदि के बल पर काम कराना भी चाहें तो वे काम को गलत ढंग से करने का प्रयास करते हुए काम को और खराब कर दें। अपना काम भी न करते हुए काम के लिए नौकरों प्र निर्भर रहने से घर दुखद बन जाता है।



Question 3.

बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? ‘कामचोर’ कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।


Answer:

इस कहानी के आधार पर यह कहा जा सकता है कि अगर बच्चे खुद से माता-पिता का घरेलू कार्यों में हाथ बटाएं तो वे उनके सहयोगी बन सकते हैं। बच्चों को घर में बैठकर खाने की बजाए संभव कार्यों में माता-पिता का हाथ बंटाना चाहिए। बड़े होते बच्चे अगर घर के कामों से नजर चुराने लगें तो वे आगे चलकर कामचोरों की श्रेणी में आ जाते हैं और मां-बाप, परिवार और समाज पर पूरी जिंदगी बोझ बने रहते हैं। ‘कामचोर’ कहानी में भी बच्चे हिलकर खुद से पानी तक नहीं पीते थे। उन्हें हर काम के लिए नौकरों की जरूरत थी। बच्चों में इतना आलस्य भर चुका था कि वे घर क कामों से जी चुराने लगे थे। नतीजा यह हुआ है कि वे एक जगह बैठे-बैठे खा-खाकर मोटे होने लगे थे। बच्चों को मेहनतकश इंसान बनने के लिए शुरू से ही छोटे-मोटे काम करने की आदत डालनी चाहिए।



Question 4.

‘कामचोर’ कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की? इन दोनों तरह के परिवारों में क्या-क्या अंतर होते हैं?


Answer:

‘कामचोर’ कहानी संयुक्त परिवार की कहानी है। बच्चों ने जब तनख्वाह के लालच में काम को हाथ लगाया तो उनके द्वारा अव्यवस्थित तरीके से किए गए कार्यों से माता-पिता के अलावा बानो दीदी, मौसी, बड़ी दीदी, मुगलानी बुआ, चाचाजी भी किसी-न-किसी रूप में प्रभावित हुए। इससे पता लगता है कि ये लोग भी परिवार में साथ-साथ ही रहते थे जो संयुक्त परिवार की पहचान है। इस तरह के दोनों परिवारों में निम्नलिखित अंतर होते हैं:

(क) एकल परिवार में बच्चों के साथ उनके माता-पिता ही रहते हैं जबकि संयुक्त परिवार में माता-पिता के अलावा चाचा-चाची, दादा-दादी, बुआ, मौसी तथा उनके बच्चे भी साथ ही रहते हैं।


(ख) आजकल की व्यस्त दिनचर्या में बच्चों को एकल परिवार में माता-पिता का प्यार कम मिल पाता है जबकि संयुक्त परिवार में घर के अन्य सदस्य यह कमी पूरी कर देते हैं।


(ग) एकल परिवार में माता-पिता के काम पर चले जाने पर बच्चे अकेले रह जाते हैं तथा स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं तबकि संयुक्त परिवार में वे अकेले नहीं रहते।


(घ) एकल परिवार के बच्चों में समाजीकरण नहीं हो पाता जबकि संयुक्त परिवार में बच्चे अन्य सदस्यों के बीच इसे आसानी से सीख जाते हैं तथा वे दादी-नानी द्वारा सुनाई कहानियों की सीख ग्रहण करके बेंहतर नागरिक बनते हैं।




Anuman Aur Kalpana
Question 1.

घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।


Answer:

घरेलू नौकरों को हटाने की बात निम्नलिखित परिस्थितियों में उठ सकती है:

(क) जब नौकर सही तरीके से काम न करें या फिर कामचोरी करें।


(ख) जब नौकर घर के सामान को गायब करने लगे।


(ग) जब जरूरत के हिसाब से नौकर ज्यादा हो


(घ) जब घर में लगातार पैसों की तंगी हो


(ड़) जब घर के सदस्य काम के प्रति खुद की जिम्मेदारी समझने लगे और घर के कामों में हाथ बँटाने लगें।


(च) नौकरों का आये दिन छुट्टी पर चले जाना|


(छ) नौकर का वक्त-वक्त पर बिना कारण वेतन बढ़ाने की मांग करने लगना|



Question 2.

कहानी में एक समृद्ध परिवार के ऊधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों बिगड़ी होगी? उन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए आप क्या-क्या सुझाव देना चाहेंगे?


Answer:

मेरे अनुमान में समृद्ध परिवार के बच्चों की आदत इसलिए बिगड़ी होगी क्योंकि-

(क) बचपन से इन बच्चों को ऐसा महौल दिया होगा जहां हर काम नौकर करते हैं।


(ख) बच्चों के माता पिता भी खुद काम नहीं करते होंगे|


(ग) बचपन से बच्चों को नौकरों के भरोसे छोड़ा गया होगा|


(घ) बच्चों को कभी श्रम का महत्व नहीं बताया गया होगा।


(ङ) बचपन से माता पिता ने उनमें काम की आदत नहीं डाली|


(च) बच्चों की मानसिकता होगी कि समृद्ध परिवार में काम करना उनकी शान के खिलाफ है।


बच्चों को ठीक ढंग से रहने के लिए मैं निम्नलिखित सुझाव दूँगा:


(क) बच्चों को शुरुआत से छोटे-छोटे काम करने के लिए आदत डालें। उनके साथ-साथ खुद भी काम करें। आपको देखकर वो भी प्रेरित होंगे।


(ख) बच्चों को शारीरिक श्रम के फायदों के बारे में समझाएं।


(ग) कोशिश करें बच्चों को सिर्फ नौकर के भरोसे न छोड़ें। घर में कोई बुजुर्ग नहीं है तो खुद जितना समय हो सके उन्हें दें।


(घ) बच्चों महापुरुषों की जीवनियां एवं उनके जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रसंग सुनाकर काम के महत्त्व के बारे में समझाएं|



Question 3.

किसी सफल व्यक्ति की जीवनी से उनके विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या के बारे में पढ़ें और सुव्यवस्थित कार्यशैली पर एक लेख लिखें।


Answer:

देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन बेहद तकलीफों भरा रहा है। उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम है जिन्हें पूरी दुनिया 'मिसाइल मैन' के नाम से जानती है। रामेश्वरम (तमिलनाडु) में जन्मे अब्दुल कलाम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वे एक अच्छे स्कूल में दाखिला ले सकें। लेकिन कामयाबी को छूने की ललक ने पहले उन्हें इस देश का एक सफल वैज्ञानिक बनाया और बाद में राष्ट्रपति।


बचपन में जब उनके पास पढ़ने के पैसे नहीं थे तब वे घर-घर जाकर अखबार बेचा करते थे। इससे हुई कमाई को वह अपनी शिक्षा पर खर्च करते थे। उनका जीवन इतना बदहाली मे कट रहा था कि घर में रोशनी के लिए एक बल्ब तक नहीं था। तब कलाम स्ट्रीट लाइट की रोशनी में जाकर पढ़ाई किया करते थे। बचपन में पक्षियों को आसमान में उड़ते देखने के शौकीन कलाम आगे चलकर एयरोनॉटिकल इंजीनियर बने। साल 2002 में कलाम देश के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। सच्ची लगन के साथ देश की सेवा करने वाले कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।




Bhasha Ki Baat
Question 1.

धुली-बेधुली बालटी लेकर आठ हाथ चार थनों पर पिल पड़े। धुली य् शब्द से पहले ‘बे’ लगाकर ‘बेधुली’ बना है। जिसका अर्थ है ‘बिना धुली’। ‘बे’ एक उपसर्ग है। ‘बे’ उपसर्ग से बनने वाले कुछ और शब्द हैं-

बेतुका, बेईमान, बेघर, बेचैन, बेहोश आदि। आप भी नीचे लिखे उपसर्गों से बननेवाले शब्द खोजिए:

1- प्र --------------

2- आ -------------------

3- भर -------------

4- बद--------------------


Answer: