लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ भी नहीं, अपनी पत्नी का अदब मान ते थे।
लाला झाऊ लाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विवार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।
लाला झाऊ लाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया, क्योंकि वे अपने पत्नी का अदब मानते थे। इसके अलावा वह अपनी पत्नी के तेज तर्र स्वभाव से अच्छे से वाकिफ थे और उसके आगे कमजोर पड़ जाते थे। उन्हें ड़र था अगर उन्होंने लोटे के बारे में कुछ बोला तो अगली बार उन्हें खाना बाल्टी में भी मिल सकता है। इसी वजह से उन्होंने चुप-चाप लोटा लेना बेहतर समझा।
लाला झाऊ लाल ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया। आपके विचार से लाला झाऊ लाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?
दो और दो जोड़कर स्थिति को समझने का मतलब होता है परिस्थिति को भाँप लेना। पानी पीते हुए जब लाला के हाथ से लोटा छूट गया तो गली में बहुत जोर से शोर हुआ। लाला भी छट से नीचे आए। नीचे भीड़ एकत्रित थी और लाला ने देखा कि एक अंग्रेज ऊपर से नीचे तक भीगा हुआ है और अपना पैर का अंगूठा सहला रहा है। यह देख लाला ने समझ लिया कि स्थिति गंभीर है और उनके चुप रहने में ही भलाई है।
अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इंकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।
अंग्रेज के सामने बिलवासी मिश्र, झाऊलाल को पहचानने से इंकार करते हुए अजीब-सा व्यवहार इसलिए कर रहे थे, जिससे अंग्रेज को इस बात का संदेह न हो कि उन्होंने उसके साथ दिखावे के लिए हमदर्दी की है। बिलवासी ने ऐसा इसलिए किया जिससे अंग्रेज का गुस्सा शांत हो जाए और उन्होंने पैसों की व्यवस्था के लिए जो योजना बनायी है उसे पूरी कर सकें।
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।
बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल को देने के लिए रुपयों का बन्दोबस्त अपनी पत्नी के संदूक से चोरी कर किया था। उन्होंने अपनी पत्नी के सोने पर उसके गले में पड़ी चेन से चुपचाप चाबी निकाल संदूक से पैसे चोरी किए। जब लाला झाऊलाल के लिए रुपयों का इंतजाम अंग्रेज द्वारा हो गया तो उन्होंने उन पैसों को ठीक उसी तरह वापस रख दिया।
आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।
विदेशियों को हमेशा से ही भारत की संस्कृति, कला और ऐतिहासिक वस्तुओं ने हमेशा अपनी तरफ आकर्षित किया है। वहीं बहुत सारे लोगों को ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह करना बेहद पसंद होता है। उन्हीं में से एक वह अंग्रेज भी था। इसके अलावा अंग्रेज का पड़ोसी मेजर डगल सइस हमेशा अपनी ऐतिहासिक वस्तुएँ दिखाकर डींग मारता था। इसलिए अंग्रेज को भी कुछ ऐसा खरीदना था जिससे वह मेजर डगल का मुंह बंद कर सके। मेजर डगल ने गतवर्ष भारत से ‘जहाँगीरी अंडा’ खरीदा था तो अंग्रेज ने भी उसे पीछे छोड़ने के लिए उससे महँगा तथा ऐतिहासिक अकबरी लोटा 500 रुपये में खरीद लिया।
इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।
बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।
बिलवासी जी ने यह बात लाला झाऊलाल से कही थी। जब लाला झाऊलाल उनसे यह जानना चाहते थे कि आखिर पंडित जी ने उनके लिए रुपयों का बन्दोबस्त कहा से और कैसे किया था, तब उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि यह तो सिर्फ मेरे सिवा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लेना। बिलवासी ने यह बात इसलिए कही थी कि वह झाऊलाल को यह बात नहीं बताना चाहते थे कि उन्होंने ये पैसे अपनी पत्नी के संदूक से चोरी किए हैं। इसके अलावा उन्हें वापस घर जाकर उन पैसों को वापस उसी जगह ठिकानी की जल्दी भी थी।
उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई। समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
बिलवासी मिश्र को उस रात्रि इसलिए नींद नहीं आई क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक में से झाऊलाल की मदद करने के लिए ढाई सौ रुपये निकाले। जब वो पैसे झाऊलाल को देने पहुंचे तो वहां अकबरी लोटे के जरिए पैसों की व्यवस्था हो गई। झाऊलाल की समस्या का हल तो तभी निकल आया, लेकिन असली समस्या बिलवासी मिश्र के सामने आ खड़ी हुई थी। वह यह सोचकर परेशान थे कि वह पत्नी के संदूक से चुराए हुए रुपये को वापस उसी जगह कैसे रखें|
लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।
अजी इसी सप्ताह में ले लेना।
सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।
लाला झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि लालाजी की पत्नी उन पर रत्ती भर भरोसा नहीं करती थी। ऐसा भी हो सकता है कि इससे पहले भी लाला जी ने कई बार वादे किये होंगे लेकिन फिर पूरे नहीं किए होंगे। इस बातचीत से यह भी मालूम पड़ता है कि-
(क) लाला जी की पत्नी को उन पर विश्वास न था।
(ख) लाला जी की पत्नी उनके समय पर पैसों को न देने की आदत से अच्छे से वाकिफ थीं।
(ग) लाला जी की पत्नी का स्वभाव काफी तेज-तर्रार था।
(घ) लाला झाऊलाल कंजूस स्वभाव के थे।
अंग्रेज पुलिस को बुला लेता?
यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता तो पुलिस झाऊलाल को अंग्रेज समेत थाने ले जाती। वहां जाकर पुलिस दोनों की सुनती और दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश कराती। इतना ही नहीं पुलिस लाला जी से अंग्रेज की क्षतिपूर्ति कराती। अगर लाला नहीं मानते तो पुलिस उन्हें थाने में बंद कर देती।
जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाभी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?
जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाभी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती तो तब तो बिलवासी की शामत आनी तय होती। इसके अलावा दोनों के बीच झगड़ा होता और पंडित जी को भी अपनी पत्नी से बहुत खरी खोटी सुननी पड़ती। पत्नी उनसे तरह तरह के सवाल पूछती कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहे थे और उनसे सब कुछ उगलवा कर ही रहती।
अंग्रेज लोटा न खरीदता?
यदि अंग्रेज लोटा न खरीदता तो जो रुपये बिलवासी जी अपनी पत्नी के संदूक से चोरी कर के लाए थे, वही उन्हें झाऊलाल की मदद के लिए देने पड़ते। उन रुपयों को लाला झाऊलाल अपनी पत्नी को दे देते और बाद में जब उनके पास रुपये होते तो वह बिलवासी मिश्र को लौटा देते।
अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आंखों से ओझल हो गया।
उल्का क्या होता है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?
उल्का का निर्माण चट्टानों से होता है। यह तारों के चारों तरफ घूमता है। कई बार यह अपने पथ पर चलते-चलते टूट जाता है और पृथ्वी की तरफ तेजी से गिरता है और घर्षण के कारण यह तेजी से जलकर राख हो जाता है। इसके जलने पर चमक उत्पन्न होती है, जिसे लोग ‘टूटतातारा’ भी कहते हैं।
ग्रह और उल्का में समानताएँ-
(क) ग्रह और उल्का का निर्माण चट्टान के कणों से होता है।
(ख) दोनों ही किसी तारे के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं।
ग्रह और उल्का में अंतर या असमानताएँ-
(क) उल्का की तुलना में ग्रहों का आकार काफी बड़ा होता है।
(ख) ग्रह अपनी धुरी पर चक्कर लगाते हैं, जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती।
इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ीं-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी। आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
ये दोनों ही कहानियाँ काल्पनिक लगती हैं।
अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।
मेरे घर पर मेरे परदादा जी का चश्मा और लाठी हमने संभाल कर रखी है। घर पर दादा जी और पापा जी इन दोनों चीजों को काफी हिफाजत के साथ रखते हैं मानो कि उनके लिए ये चीजें सोने-चांदी के समान हो। भले ही इन चीजों का बाजार में कोई मोल न हो, लेकिन इससे उनकी यादें जुड़ी हैं। इसलिए घरवालों के लिए परदादा जी की ये चीजें बेशकीमती हैं। वे इन चीजों को हमेशा ध्यान रखते हैं ताकि वे गम न हो जाएँ| परिवार के लोग वक्त-वक्त पर इनकी साफ़-सफाई करते हैं|
बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?
बिलवासी जी ने रुपयों का इंतजाम दो तरीकों से किया था-
(क) बिलवासी जी ने अपनी पत्नी के संदूक से रुपये चोरी किये थे जो बिल्कुल सही तरीका नहीं था, क्योकि चोरी करना गलत बात है और अगर उनकी पत्नी जाग जाती तो दोनों के बीच परेशानी आ खड़ी होती।
(ख) रुपयों के प्रबंध के लिए बिलवासी जी ने दूसरा तरीका जो अपनाया उसे भी सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने एक अनजान अंग्रेज को बेवकूफ़ बनाकर पैसों का बंदोबस्त तो कर लिया, लेकिन इससे दूसरा इंसान ठगा गया। अपने काम के लिए किसी दूसरे को ठगना भी कोई सही तरीका नहीं है। आप ‘अतिथिदेवोभव’ के बारे में सुना और पढ़ा होगा। भारत में इस सिंद्धात को माना जाता है। ऐसे में बिलवासीजी द्वारा की गई यह हरकत भारतीयों की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करने के लिए काफी है।
इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बजाय रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।
1- पर ढाई सौ रुपये तो एक साथ आँख सेंकने को भी नहीं मिलते थे।
2- उनका जी एक बार जोर से सन सनाया और फिर बैठगया।
3- अब तक बिलावसी जी को वे अपनी आँखों से खा चुके होते
4- कुछ ऐसी गढ़न उस लोटे की थी कि उसका बाप डमरू और माँ चिलम रही हो
इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।