कविता से
नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो-
“तेरे हरे-भरे सावन के साथी ये आए हैं”
क्या बादल हरे-भरे सावन के साथी हैं अथवा किसान के? या दोनों के।
प्रस्तुत पंक्ति में कवि कहते हैं कि मेघ अर्थात बादल किसान और सावन के पक्के साथी अर्थात दोस्त है। मेघ अर्थात बादल किसान के खेत को हरियाली से लह लहराने में मदद करता है। इसके साथ साथ बादल सावन की खूबसूरती को बनाए रखने में मदद करता है।
कविता से
नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो-
तेरे प्राणों में भरने को नया राग लाए हैं”
बादल ऐसा क्या लाए हैं जिससे किसान के प्राणों में नया राग भर जाएगा?
जब मेघ एकजुट होकर बरसते है तो धरती को पानी के रूप में खुशहाली बांटते हैं। इस प्रकार किसानों के खेतों को पानी मिलता हैं और खेतों में अन्न लहलहाते हुए हरे पताका को संबोधित करता हैं।के रूप में लहलहाने लगते हैं| इन लहलहाते खेतों में किसानों के प्राण बसते है। इस प्रकार बादल द्वारा लाया गया पानी किसानों के खेतों में प्राण के रूप में नया राग भरते हैं। इन पंक्ति में कवि ने यही कहा हैं।
कविता से
नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो-
“यह संदेशा ले कर आई, सरस मधुर शीतल पुरवाई”
पुरवाई किसान के लिए क्या संदेशा लेकर आई होगी?
कवि कहते है कि जब मधुर शीतल पुरवाई आती हैं तो अपने साथ साथ खुशहाली का संदेशा लाती है कि जल्द ही हरा पताका फहराने वाला हैं। लहलहाते खेत देखकर किसान के मन को शांति प्राप्त होती हैं।
कविता से
नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़ो। आपस में चर्चा करके इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो-
“तेरे लिए, अकेले तेरे लिए, कहाँ से चलकर आई”
क्या सचमुच पुरवाई केवल किसान के लिए चलकर आई है? वह कहाँ से चलकर आई होगी?
प्रस्तुत पंक्ति में ' पुरवाई ' का अर्थ है, पूर्व से चलने वाली हवाएँ| पूरवाई खेती करने के लिए उपयुक्त होता हैं। कवि कहते है कि पुरवाई सभी के लिए आती है, परंतु किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। वह कहाँ से चलकर आती है किसीको इसका पता नहीं है। उसे लहलहाते खेत अच्छे लगते हैं। और इसी कारण कहा कवि ने कहा है कि वह किसान के लिए चलकर आयी है|
कविता के आधार पर बताओ कि
क) जब हरा खेत लहरायेगा तो क्या होगा?
ख) बादलों के घिर जाने पर कवि किसान को उठने के लिए क्यों कहता है?
ग) रूप बदल कर बादल किसान के कौन से सपनों को साकार करेगा?
क) जब हरा खेत लहरायेगा तो वह हरी पताका फहराएगा|
ख) कवि के अनुसार बादल किसानों के पक्के साथी है, क्योंकि जब भी किसानों को वर्षा की जरूरत होती है तो सभी मेघ एकजुट होकर किसानों के खेतों पर बरसते है और किसान की खुशी का कारण बनते हैं| इसलिए बादलों के घिर जाने पर कवि किसान को खुशी से झूम उठने के लिए कहता है क्योंकि उसके साथी आ गए थे।
ग) रूप बदलकर बादल किसानों के खेतों को अच्छे उपजाऊ खेत बनाकर किसानों के अच्छी उपज के सपनों को साकार करेगा।
छिपा है कौन?
“हरा खेत लहराएगा
हरी पताका फहराएगा
छिपा हुआ बादल तब उसमें
रूप बदलकर मुसकाएगा”
कविता में हम पात हैं कि सावन की हरियाली बादलों के कारण ही हुई है इसलिए कवि को उस हरियाली में मुसकराते बादल ही दिखाई देते हैं। बताओ, कवि को इन सब में कौन दिखाई दे सकता है-
क) गर्म हवा। लू के थपेड़े।
ख) सागर में उठती ऊँची-ऊँची लहरें।
ग) सुगंध फैलाता हुआ फूल।
घ) चैन की नींद सोती हुई बालिका।
(क) भयंकर गर्मी
(ख) सागर में उत्पन्न भयंकर तूफ़ान
(ग) सुगंधित फूलों का गुलदस्ता
(घ) नन्हीं सी चिंता मुक्त बालिका
किस्म-किस्म की खेती
आजकल पुराने जमाने की अपेक्षा किसान बहुत अधिक चीज़ों की खेती करने लगे हैं। खेती का स्वरूप बहुत विशाल हो गया है। पता करो कि आजकल भारत के लोग किन-किन चीज़ों की खेती करते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची तैयार करो।
आजकल किसान सूरजमुखी, सोया, तीखी मिरची, हरी सब्जी के अलावा अन्य सब्जियों, फल, फुल आदि की खेती करते हैं।
मातृभाषा की कविता
अपनी मातृभाषा में ‘किसान’ पर लिखी गई कविता को अपने मित्रों व शिक्षक को सुनाओ।
उगाकर अन्न मेहनत से, हमें भोजन दिलाता हैं,
नमन है उस यौवान को , जो हल से खेल जाता हैं।
पसीना ओस बनकर पत्तियों में जब लहलहराता हैं,
पत्तियां जब फुल बनकर खिलता हैं,
तभी चहरा खुशा से चमक उठता हैं।
मेहनत से सिचाई करता, अन्न देता
वही किसान कहलाता हैं।
खेल-खेल में
“छिपे खेत में, आँखमिचौनी सी करते आए हैं”
तुम जानते हो कि आँखमिचौनी एक खेल है जिसमें एक खिलाड़ी आँखें बंद कर लेता है और बाकी खिलाड़ी छिप जाते हैं।
तुम भी अपने आस-पास खेले जाने वाले एसे ही कुछ खेलों के नाम लिखो। यह भी बताओ कि इन खेलों को कैसे खेलते हैं?
'पेड़ अभिशाप' एक खेल है, जिसमें ७ बच्चें खेल सकते हैं। इसमें ६ अलग अलग पेड़ों को ६ खिलाड़ी पकड़ लेते हैं और एक खिलाड़ी पर राज होता हैं जिसमें उसको ६ खिलाड़ी जब अपनी अपनी जगह बदल रहे हो तब बीच में किसी खिलाड़ी को अगले पेड़ पर पहुँचने से पहले पकड़ लेना होता हैं। यदि वह पकड़ में आ जाए तो फिर राज उस पर चला जाता हैं। फिर उसे दूसरे खिलाड़ी को पकड़ना होता हैं।
गरजना-बरसना
“उड़ने वाले काले जलधर
नाच-नाच कर गरज-गरज कर
ओढ़ फुहारों की सत चादर
देख उतरते हैं धरती पर”
बादल गरज-गरज कर धरती पर बरसते हैं परंतु इसके बिलकुल उलट एक मुहावरा है-
जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
कक्षा में पाँच-पाँच बच्चों के समूह बनाकर चर्चा करो कि दोनों बातों में से कौन-सी बात अधिक सही है। अपने उत्तर का कारण भी बताओ। चर्चा के बाद प्रत्येक समूह का एक प्रतिनिधि पूरी कक्षा को अपने समूह के विचार बताएगा।
कवि कहते हैं कि कभी कभी बादल बहुत खूब गरज गरज कर बरसते हैं। परंतु जब बदल के बरसने का वक्त होता हैं तभी वह बरसने से मुंह मोड लेता हैं। इस प्रकार जब उसकी जरूरत होती हैं तभी वह अपने नखरे दिखाने लगता हैं। पर जब बहुत नखरों के बाद जब वह गरजता हैं तो एक सुकून प्रप्त होता हैं , जैसे प्यासे को पानी मिल जाए। अतः दोनों बातों में वह सही पाता हैं।
और मुहावरे
वर्षा से जुड़े या वर्षा के बारे में कुछ और मुहावरे खोज़ो। उनका प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ।
१. जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं- आजकल के नेता चुनावों से पहले गरजते बहुत हैं लेकिन चुनाव जीतने के पश्चात बरसते नहीं|
२. आकाश टूटना - अचानक बारिश के कारण किसानों की मेहनत पर आकाश टूट पड़ा।
तनिक
“काले बादल तनिक देख तो।”
तुम भी अपने ढंग से ‘तनिक’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए पाँच वाक्य बनाओ।
१. तनिक धीरे चलना।
२. तनिक रुक जाओ।
३. तनिक सी इंसानियत दिखाईए।
४. अपनी पढ़ाई पर तनिक ध्यान दो।
५. तनिक धैर्य रखो।
गीत/गाने
तुमने वर्षा ऋतु से संबंधित कुछ गीत/गानों को अवश्य सुना होगा। अगर नहीं तो इससे संबंधित कुछ गीत/गानों की सूची बनाओ और अपनी आवश्यकता और सुलभता के अनुसार उन्हें सुनो। उनमें से किसी गीत-गाने को तुम सुविधानुसार किसी अवसर पर गा भी सकते हो।
१. देखो जरा देखो बरसात की झड़ी…. (फ़िल्म ये दिल्लगी)
२. ओ सावन राजा कहां से आए तुम….. (फ़िल्म दिल तो पागल है)
३. बरसात में तुम से मिले हम…… (फ़िल्म बरसात)
४. जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात…… (फ़िल्म बरसात की एक रात)
५. घनन घनन देखो घिर आए बदरा…… (फ़िल्म लगान)