इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है- यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पांच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानों नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पांचवीं एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
(1) आकाश का साफा (2) पलाश के जंगल की अंगीठी (3) नदी चादर सी (4) सूरज की चिलम (5) भेड़ों के गल्ले सा अंधकार।
शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए
(क) शाम कब से शुरू हुई?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?
(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
अपने घर की छत या खिड़की से शाम का दृश्य देखने पर पता चलता है कि-
(क) सर्दियों में दिन छोटे होते हैं इसलिए शाम जल्दी हो जाती है। शाम के 4 बजे के बाद ऐसा लगता है कि मानों सूरज की रोशनी कुछ धीमी पड़ने लगी है।
(ख) 4 बजे से लेकर सूरज डूबने में करीब 2 से ढाई घंटे का समय लगता है।
(ग) आसमान में निम्नलिखित बदलाव आए-
(1) सूरज की रोशनी धीमी पड़ने लगी।
(2) सभी पक्षी शाम होते ही अपने घरों की ओर जाने लगे। चिड़ियों की चह-चहाहट भी कम हो गई।
(3) ठंड का मौसम है इसलिए सूरज के डूबते ही ठंड का अहसास और बढ़ गया।
(4) आसमान में लालिमा छा गई।
(5) सूरज के अस्त होते ही धीरे-धीरे चंद्रमा की रोशनी बढ़ने लगी।
मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो- ‘सुनते हो।’ नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बांधिए-
कबूतर, कौआ, मैना, तोता, चील, हंस
कबूतर – ख़त ले लो
कौआ – मेहमान आ गए
मैना - गीत गाती हो
तोता – रटते हो
चील – देखते हो
इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा?
इस कविता को चित्रित करने के लिए कई रंगों की जरूरत होगी। जैसे- आकाश के लिए नीला, लालिमा दिखाने के लिए लाल, पहाड़ के लिए भूरा, पलाश के पेड़ दिखाने के लिए हरा, अंधकार दिखाने के लिए काला रंग।
शाम के समय ये क्या करते हैं, पता लगाइए और लिखिए-
पक्षी, खिलाड़ी, फलवाले, माँ, पेड़-पैधे, पिता जी, किसान, बच्चे
शाम के समय ये निम्नलिखित कार्य करते हैं-
हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-
संध्या का झुटपुट
बांसों का झुरमुट
है चहक रहीं चिड़ियां
टी-वी-टी -- टुट्-टुट्
ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।
इस कविता और सर्वेश्वरदयाल की कविता में प्रमुख अंतर है कि
(1) इस कविता में सिर्फ पक्षियों की चह-चहाहट का जिक्र है। जबकि सर्वेश्वरदयाल की कविता में पेड़, पहाड़, नदी, डूबते सूरज के अलावा किसान की भी बात की गई है।
(2) इसमें सिर्फ सूरज के डूबने के बाद के समय के बारे में बताया गया है जबकि सर्वेश्वरदयाल की कविता में सूरज के डूबने से पहले और बाद, दोनों के बारे में बताया गया है।
(3) इस कविता की भाषा अत्यंत सरल और सहज है साथ ही इसमें आसान और आम बोलचाल की भाषा के शब्दों का प्रयोग हुआ है जबकि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता प्रकृति का मानवीकरण करते हुए सरल तथा बोधगम्य भाषा में प्रकृति की सुन्दरता का वर्णन किया गया है|
शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन किन चीजों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए-
पेड़ों के झुनझुने
बजने लगे;
सूरज की लाल गेंद।
उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई।
- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
यदि मुझे सुबह के बारे में कविता लिखनी हो तो निम्न चीजों की मदद लेकर अपनी कल्पना व्यक्त करूंगा- चिड़ियों की चह-चहाहट, ठंडी हवा से पेड़ों के पत्तों का हिलना और सर-सराहट की आवाज, फूलों का खिलना, आसमान से सूरज का उगना, तारों का गायब हो जाना, मंदिरों की घंटियों की आवाज और मंत्रों के उच्चारण।
नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए-
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
(ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मंडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास
(घ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्हीं-सी चिड़िया
इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?
सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से दो प्रकार के शब्दों के साथ हो रहा है-
(1) किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा किसी के नाम को संज्ञा कहते हैं। इस कविता में कई नामों का इस्तेमाल किया गया है। यह सभी नाम संज्ञा शब्द हैं जैसे- चादर-सी, गल्ले-सा तथा पर्दा-सा।
(2) वाक्य में संज्ञा या फिर सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। इस कविता में कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जो विशेषता बता रहे हैं। यह शब्द
मरियल-सा, छोटा-सा तथा नन्ही-सी हैं।
निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए।
आंधी, दहक, सिमटा
आंधी- तेज रफ्तार से चलने वाली हवा के संदर्भ में।
(1) इतनी जोर की आंधी आईं कि उसके घर के ऊपर का छप्पर ही उड़ गया।
(2) आंधी आते ही मैंने खंभा पकड़ लिया, ताकि मैं उड़ न जाऊं।
दहक - आग या फिर लपटों के संदर्भ में
(1) हवा के झोंके से आग और दहक उठी।
(2) बदले ही आग में वह अंदर ही अंदर दहक रहा है।
सिमटा- संकुचित होने के संदर्भ में
(1) सर्दी के कारण लोग घरों में सिमटे हुए बैठे हैं।
(2) राम की शादी होते ही घर का सारा काम मैंने सिमटा लिया है।