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Sangharsh Ke Karan Main Tunakmijaj Ho Gaya:dhanraj

Class 7th Hindi वसंत भाग 2 CBSE Solution
Sakshatkar Se
  1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।…
  2. धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों…
  3. ‘मेरी मां ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से संभालने की सीख दी है’ धनराज पिल्लै की इस…
Sakshatkar Se Aage
  1. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
  2. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
  3. आप समाचारपत्र, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को…
Anuman Aur Kalpana
  1. ‘यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’- क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत…
  2. (क) अपनी गलतियों के लिए माफी मांगना आसान होता है या मुश्किल?(ख) क्या आप और आपके आसपास के…
Bhasha Ki Baat
  1. नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने…
  2. तुनुकमिजाज शब्द तुनुक और मिजाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही…
  3. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रूचि हो…

Sakshatkar Se
Question 1.

साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।


Answer:

धनराज पिल्लै जमीन से जुड़े हुए, शोहरत को सिर पर हावी न होने देने वाली शख्सियत हैं| उनमें अपने खेल के प्रति जुनून, सम्मान और कुछ कर गुजरने की इच्छा थी जिसने उन्हें सफलता के ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया जहां पहुंचने का सपना हर किसी का होता है। इस साक्षात्कार के दौरान धनराज ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में कुछ ऐसी चीजें बताई हैं जो मन को झिंझोर देती है। जैसे उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी हॉकी स्टिक खरीद सके। इस वजह से वह अपने दोस्तों के अभ्यास खत्म होने का इंतजार करते ताकि वह उनकी स्टिक से अभ्यास कर सके। यह बात मीडिया के सामने का कहने का दम कुछ ही लोगों में होता है। उनमें से एक धनराज पिल्लै हैं। वह बाहर से गुस्सैल, संकी और अव्यावहारिक प्रतीत होते हैं लेकिन वे अन्दर से सरस, नरम दिल, परिश्रमी और एक आम इन्सान की तरह सरल थे|



Question 2.

धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।


Answer:

धनराज पिल्लै की कहानी फर्श से अर्श (जमीन से आसमान तक) तक की है। धनराज एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे लेकिन उन्होंने अपने जुनून के सामने गरीबी को भी मात दे दी। आर्थिक तंगी की वजह से धनराज के पास अपनी हॉकी स्टिक खरीदने के पैसे भी नहीं थे इसलिए दोस्तों के अभ्यास के बाद वह उनकी हॉकी स्टिक से खेल का अभ्यास करते। धनराज के भाई भी हॉकी खिलाड़ी थे उसी वजह से उन्हें भी हॉकी खेलने का शौक था। धनराज को पहली हॉकी स्टिक उस वक्त मिली जब उनके बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुन लिया गया था तब उनके भाई ने अपनी पुरानी हॉकी स्टिक उन्हें दे दी थी| यह हॉकी धनराज के लिए कीमती थी क्योंकि वह पुरानी ही सही लेकिन उनकी अपनी हॉकी स्टिक थी। अपने बड़े भाई के साथ मिलकर मुंबई लीग में धनराज पिल्लै ने अपना सिक्का जमा लिया था। धनराज प्रदर्शन से इतने खुश थे कि उन्हें इस बात का यकीन था कि साल 1988 ओलंपिक नेशनल कैंप में उन्हें जरूर बुलाया जाएगा। ऐसा नहीं होने पर धनराज को बहुत मायूसी हुई। इसके ठीक एक साल बाद धनराज को ऑलविन एशिया कप के लिए चुना गया। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहां तक कि धनराज भारतीय नेशनल हॉकी टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।



Question 3.

‘मेरी मां ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से संभालने की सीख दी है’ धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?


Answer:

अक्सर लोग सफलता को संभाल नहीं पाते। कई लोग तो सफलता मिलने ही घमंड में इतने चूर हो जाते हैं और अपने सामने किसी को कुछ भी नहीं समझते। आपने लोगों को कहते सुना होगा ‘जब पेड़ में फल ज्यादा आ जाए तो वह झुक जाता है।‘ यानी कि जब व्यक्ति शोहरत की बुलंदियों तक पहुंच जाए तो उसे और भी ज्यादा विनम्र हो जाना चाहिए। धनराज पिल्लै की मां ने उन्हें विनम्र रहने और कभी अपनी सफलता का घमंड न करना सिखाया|




Sakshatkar Se Aage
Question 1.

ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।


Answer:

भारत और विश्व हॉकी खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में ध्यानचंद की गिनती होती है। उन्होंने भारत को तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाए। वहीं हॉकी को अपने खेल से देश और दुनिया में प्रसिद्धि दिलाई। ध्यानचंद ने अपने खेल जीवन में करीब 1000 से ज्यादा गोल दागे। ध्यानचंद को उनके खेल की वजह से भारत सरकार के ऊंचे सम्मान पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था। कई बार उन्हें विदेशों से अनेक तरह के प्रस्ताव भी मिले लेकिन उन्होंने सभी को ठुकरा दिया था। इसी वजह से ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है।



Question 2.

किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?


Answer:

हॉकी एक ऐसा खेल है जिसे खेलने के लिए आपसी तालमेल की जरूरत होती है। इसे खलने से स्वास्थ्य को भी बहुत फायदा होता है। यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है। हर टीम में 11-11 खिलाड़ी होते है। हॉकी की शुरुआत को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं। यह खेल भारत में सदियों से खेला जाता रहा है। यहां तक कि राजाओं और जमींदारों ने भी यह खेल खेला है। प्राचीन समय से इस खेल को खेला जा रहा है। हॉकी टीम ने भारत को आजादी मिलने से पहले के दौर से ही अनेक बार ओलिंपिक में साथ ही हॉकी विश्वकप में भी भारत को कई स्वर्ण पदक दिलाये और जब भारत आजाद हुआ तब हॉकी ही एक ऐसा खेल था जिसके लिए भारत की विश्वस्तर पर पहचान थी| इसी कारण से आजादी के बाद हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल बनाया गया|



Question 3.

आप समाचारपत्र, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।


Answer:

समाज सेवी- कैलाश सत्यार्थी

(1) आपने सबसे पहले समाज सेवा करने के बारे में कब सोचा|


(2) जैसा कि हम सभी जानते हैं कि युवा अवस्था में सभी लोग नौकरी करना चाहते है और एक बेहतर जीवन जीना चाहते हैं उस समय आपने इस सब को छोड़कर समाज सेवा करने का निर्णय लिया| यह निर्णय लेने के पीछे क्या कारण और उद्देश्य रहे|


(3) कई बार जब आप बंधक बच्चों(बाल मजदूरों) को छुड़ाने जाते हैं तो आपको किस तरह के जोखिम उठाने पड़ते हैं| क्या आपको डर नहीं लगता कि कहीं कोई आप पर हमला न कर दे|


(4) जब आपको नॉवेल पुरूस्कार मिला तो आपको कैसा लगा|




Anuman Aur Kalpana
Question 1.

‘यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’- क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।


Answer:

नहीं, मेरे अनुसार शोहरत और पैसा एक सिक्के के दो पहलू जैसे हैं। ऐसो कोई व्यक्ति नहीं है जो पैसा न चाहता हो। आजकल के जमाने में मिडिल क्लास हो या फिर हायर क्लास, वह यही चाहता है कि उसकी झोली हमेशा पैसों से भरी रहे। ऐशो आराम की जिंदगी हर कोई जीना चाहता है। हर महीने बाहर घूमना, अच्छे से अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खाना, मेट्रो सिटी में अपना मकान होना और बड़ी सी गाड़ी का सपना हर किसा का होता है। इन सभी सपनों को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। अगर आप किसी से यह पूछेंगे कि पैसा चाहिए या फिर शोहरत तो ज्यादातर लोग मेरी समझ से पैसों का ही चुनाव करेंगे।



Question 2.

(क) अपनी गलतियों के लिए माफी मांगना आसान होता है या मुश्किल?

(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफी माँग लेते हैं?

(ग) माफी माँगना मुश्किल होता या माफ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।


Answer:

गलती करके माफी मांगना बहुत मुश्किल होता है। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि गलती स्वीकार कर लेने से वह दूसरों की नजरों में छोटे हो जाएंगे हालांकि सच में ऐसा नहीं है। मांफी मांगने से कोई छोटा या बड़ा नहीं होता बल्कि ऐसा करने के लिए आपको बड़े दिल वाला और हिम्मती होना चाहिए।

ख) ऐसा परिस्थितियों पर निर्भर करता है। मैंने ज्यादातर लोगों को अपने आसपास गलती करके उसे छुपाते देखा है। कई लोग ऐसे भी देखे हैं जो अपनी गलती को मानकर तुंरत माफी भी मांग लेते हैं।


ग) मेरे अनुसार माफी मांगना और माफ करना दोनों ही मुश्किल होता है। माफी मांगने का मतलब यह है कि आप सबके सामने अपनी गलती मान रहे हैं। वहीं माफ करना भी काफी मुश्किल काम है। माफ करने का मतलब यह है कि सामने वाले इंसान ने जो कुछ भी गलत किया हो उसे आप भुलाकर आगे बढ़ने जा रहे हैं। अनुभव के आधार पर मुझे दोनों ही चीजें बहुत मुश्किल लगती हैं।




Bhasha Ki Baat
Question 1.

नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

प्रेरणा, प्रेरक, प्रेरित, संभव, संभावित, संभवतः, उत्साह, उत्साहित, उत्साहवर्धक


Answer:

(क) प्रेरणा-प्रेरक-प्रेरित



Question 2.

तुनुकमिजाज शब्द तुनुक और मिजाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे- बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।


Answer:




Question 3.

हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रूचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे-फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं- गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।


Answer:

क्रिकेट के खेल से संबंधित- बैट, बॉल, वाइड, सिक्स, फोर, रन आउट आदि|