‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’ कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?
‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’ कहते हुए यशोदा कृष्ण को जगाने का प्रयास करती है। वे निम्नलिखित बातें भी कहती हैं-
(1) रात बीत गई है और भोर हो गया है। दूसरों लोगों के घरों के दरवाजे खुल गए हैं।
(2) गोपियां दही मथ रही हैं, और दही मथने के कारण उनके कंगनों के खनकने की आवाज भी रही है|
(3) ग्वाल-बाल उठ गए हैं और उन्होंने जा-जयकार लगाना शुरू कर दिया है|
नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए-
‘माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारो।’
गायों के रखवाले बहुत पहले ही उठ गए हैं। वह सब माखन और रोटी खाने जा रहे हैं।
पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।
ब्रज में सुबह-सुबह होने वाली गतिविधियां वहाँ के वातावरण को सजीव बना देती है। ग्वाले सबसे पहले उठकर गायों को चारा खिलाते हैं और उनका दूध निकालने की तैयारी करते हैं| बछड़े दुग्धपान करने लिए बेचैन रहते हैं। ग्वाले दूध निकालते हैं और ग्वालाएं दूध को मथकर मक्खन निकालती है। मथते वक्त उनके कंगनों की आवाज बहुत अच्छी लगती है। ब्रज में सुबह-सुबह इसी प्रकार का वातावरण बन जाता है जोकि बहुत सुहावना होता है|
मीरा को सावन मनभाव क्यों लगने लगा?
मीरा को सावन मन-भावन लगने लगा क्योंकि सावन के महीने में आसमान काले बादलों से ढक गया। ठंडी हवा बहने लगी जो मन को सुकून और शरीर को ठंडक प्रदान करती है। बादलों से पानी की गिरती बूंदें, आसमान में गड़गड़ाती बादलों की आवाज, चमकती बिजली मौसम को सुंदर बना देती है| संक्षेप में कहें तो सावन में मौसम बड़ा ही सुहावना हो जाता है और इसी कारण मीरा को सावन का मौसम मनभावन लगने लगता है|
पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएं लिखिए।
पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ-
(1) सावन के महीने में गर्मी में कमी आ जाती है| वातावरण थोडा ठंडा होने लगता है|
(2) असमान में काले बादल छा जाते हैं|
(3) असमान में काले बादलों के छाने से बारिश का मौसम बनने लगता है|
(4) बारिश होती है और बारिश के कारण धरती पर हरियाली छा जाती है। मनुष्य तथा पशु-पक्षी सभी खुश हो जाते हैं।
सावन के मौसम में सम्पूर्ण मौसम सुहावन हो जाता है|
मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवियत्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नाम की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
सावन वर्षा ऋतू का महीना है, वर्षा ऋतू से संबधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
वर्षा ट्टतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम-आषाढ़, भादों हैं।
सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?
सुबह उठते ही पक्षियों की चहचहाहट, ताजी ठंडी हवा, मंदिरों में बजते घंटों की आवाज, घर के पूजा घर से आती हुई धूपबत्ती की सुगंध, किचन से आती हुई खाने की बेहतरीन खुशबू, पापा का हाथ में अखबार लिए पढ़ना और मां को वहीं से बड़ी-बड़ी खबरें बताना। यह सब सुबह जगने के समय अच्छा लगता है।
यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे।
अरे उठ जा बच्चा। बस आती होगी जल्दी उठ जाओ वरना देर हो जाएगी। मम्मी ने तुम्हारे लंच में फेवरेट खाना रखा है। ब्रेक फास्ट भी तुम्हारी ही पसंद का है। अगर तुमने और थोड़ी देर लगा दी तो फिर बस छूट जाएगी। इसलिए जल्दी उठ जाओ वरना जल्दी-जल्दी में ऐसा न हो न टिफिन भी भूल जाओ और नाश्ता भी न कर पाओ।
वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है?
बारिश के समय भीगने से मन को सबसे ज्यादा सुकून मिलता है। बारिश की बूंदें न केवल शरीर को ठंडक पहुंचाती हैं बल्कि उससे मन भी शांत और खुश हो जाता है। बारिश में भीगने का मजा उस वक्त दोगुना हो जाता है जब आपके साथ भाई-बहन या फिर दोस्त हों। ऐसा लगता है कि बस बारिश कभी न रुके और हम लोग ऐसे ही मस्ती करते रहे। बारिश के मौसम में भीगने और खेलने में बहुत मजा आता है|
मीराबाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है-
(क) गांव, गली या मुहल्ले में
(ख) रेलवे प्लेटफार्म पर
(ग) नदी या समुद्र के किनारे
(घ) पहाड़ों पर
(क) गांव, गली या मुहल्ले में- सुबह 4 बजे से ही लोगों की आवाजें आना शुरू हो जाती हैं। गलियों में घर एक दूसरे के सामने होते है इसलिए दूसरों के घरों की आवाज भी अपने घर पर साफ सुनाई देती है। कुछ बच्चे स्कूल जाते हुए दिखाई देते हैं तो वहीं दूधवाला दूध देने के लिए लोगों के घरों की तरफ जाता हुआ दिखाई देता है।
(ख) रेलवे प्लेटफार्म पर- सुबह होते ही चाय वाले अपनी दुकान पर आते हैं और धूपबत्ती जलाते हैं। इसके बाद चाय पकने रख देते हैं। वहीं अखबार वाला प्लेटफॉर्म पर ही अखबार बेचने की तैयारी करने लगता है। उसका साथी हाथ में अखबार लिए तैयार रहता है। जैसे ही ट्रेन आती है तो अखबार वाला और चाय बेचने वाला जोर-जोर से अपने-अपने सामान को बेचने के लिए आवाज लगाने लगते हैं।
(ग) नदी या समुद्र किनारे- नदी या समुद्र के किनारे सुबह का दृश्य दिल जीतने वाला होता है। नदियों के पानी की कलकलाहट साफ सुनाई देती है। वहीं समुद्र में कोसों दूर से आती हुई लहरें देखने में बहुत अच्छी लगती हैं।
(घ) पहाड़ों पर- पहाड़ की चोटियों से उठता धुंआ सा वातावरण सबकुछ धूमिल कर देता है। धूप निकलते वक्त पहाड़ों की बर्फ सफेद चमकती हुई नजर आती है। सूरज निकल रहा होता है इसलिए वह दृश्य मन को मोहित करने वाला होता है। दूर से पक्षियों की आवाज सुनाई देती हैं।
कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें।
गउवन के रखवारे- ‘ग्वाल’।
नीचे दो पंक्तियां दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।
‘नन्ही-नन्ही बूंदन मंदा बरसै’
‘घर-घर खुले किंवारे’
• इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोलकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है? जैसे- मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।
संज्ञा और विशेषण की पुनरुक्ति में अंतर यह है कि संज्ञा शब्द के दोनों अर्थों में कुछ बदलाव आ जाता है, लेकिन विशेषण शब्द का अर्थ जैसे का तैसा ही रहता है।
कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है? इसके पीछे कौन सी कथा है? पता कीजिए और कक्षा में बताइए।
भगवान कृष्ण को गिरिधर कहने की एक खास वजह है। ब्रज में रहने वाले लोग इंद्र देव की पूजा करते थे। एक दिन श्रीकृष्ण ने सभी ब्रज के लोगों को गोवर्धन की पूजा-पाठ करने को कहा। लोगों ने गोवर्धन की पूजा की। यह देखकर इंद्र देव नाराज हो गए। सभी ब्रजवासियों को सबक सिखाने के लिए इंद्र देव ने मूसलाधार बारिश करना शुरू कर दी। लगातार बारिश की वजह से ब्रज के लोगों के मकान पानी में डूबना शुरू हो गए। पशु-पक्षियों का पानी की वजह से बुरा हाल हो गया। यह सब देख लोग कृष्ण के पास गए। तभी कृष्ण ने ब्रजवासियों को बचाने के लिए पूरा गोवर्धन पर्वत अपनी एक उंगली पर उठा लिया। पर्वत को उठाते ही लोग उसके नीचे आ गए। इसके बाद इंद्र देव को अपनी भूल स्वीकारनी पड़ी। उस दिन से ही भगवान कृष्ण को ‘गिरधर’ कहा जाता है।