पाठ से
पोंगल का त्योहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। पाठ के आधार पर तालिका भरो।
पाठ से
पोंगल चार दिनों तक मनाया जाता है। प्रत्येक दिन के मुख्य क्रिया-कलाप बताओ।
1. पोंगल का त्योहार चार दिन तक मानाया जाता है, जिसमें पहले दिन ‘भोगी’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन घर की साफ-सफाई की जाती है। शाम के वक्त बच्चे ढोल-नगाड़ों के साथ खुशियों में सराबोर रहते हैं।
2. दूसरा दिन ‘पोंगल’ का ही होता है। इस दिन महलिाएं सुबह-सुबह उठकर घर के बाहर रंगोली बनाती हैं। त्योहार की खुशी में लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं। घर के आँगन में नए बर्तन में पहली फसल का चावल और गन्ने का रस मिलाकर पोंगल बनाया जाता है। इसे चूल्हे में न गिरने तक पकाया जाता है। इस प्रसाद को रिश्तेदारों तथा पड़ोसी के साथ मिलकर खाया जाता है।
3. तीसरा दिन ‘मट्टु पोंगल’ के नाम से जाना जाता है। तीसरे दिन लोग सुबह उठकर अपने गाय-बैलों को नहलाने के बाद सजाते हैं। गाय-बैलों की पूजा करने के बाद उन्हें खाने के लिए गुड़ व पौष्टिक चीजें दी जाती हैं।
4. त्योहार के चौथे दिन को ‘काणुम पोंगल’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूरा परिवार मेले में जाता है तथा पूरा दिन परिवार के साथ लोग मेलों का आनंद उठाते हैं।
पाठ से
भारत एक कृषि प्रधान देश है। इस बात को सिद्ध करने के लिए दो उदाहरण दो।
भारत को एक कृषि प्रधान देश इसलिए माना जाता है क्योंकि एक तो यह कि भारत के अधिकतर त्योहार कृषि पर आधारित हैं और दूसरा यह कि देश में करीब 70 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर ही निर्भर हैं। भारत की उपजाऊ मिट्टी और कृषि के पर्याप्त साधनों की वजह से देश ने कृषि के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल की है। उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा कृषि होती है। इन्हीं सब कारणों की वजह से भारत को एक कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता है|
तुम्हारी पसंद
तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं? तुम्हें कौन सा त्योहार सबसे अच्छा लगता है?
मैं दिल्ली का ही रहने वाला हूँ। यहां देश के विभिन्न राज्यों से आकर लोग बसते हैं। इस वजह से यहां लगभग सभी त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। खासतौर पर होली, दीवाली, लोहड़ी, पोंगल, क्रिसमस, ईद, दशहरा इत्यादि त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। हालांकि मुझे दीवाली का त्योहार सबसे ज्यादा पसंद है। दीवाली को दीपावली भी कहा जाता है। दीवाली के आने से पहले ही लोग अपने घरों में की साफ-सफाई में जुट जाते हैं। इस दिन रात को लोग दीप जलाकार मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की अराधना करते हैं। साथ ही एक-दूसरे के घर मिठाइयां भेजते हैं। वहीं, बच्चे नए कपड़े पहनकर पटाखों के साथ दीवाली के त्योहार का लुत्फ उठाते हैं।
खेती-बाड़ी
पाठ के खेती से जुड़े अनेक शब्द आए हैं। तुम खेती या बागवानी से जुड़े कुछ औजोरों के नाम बताओ।
खुरपी, फावड़ा, कुदाल, बेलचा, हल।
रंगोली
पोंगल के दिन घर आँगन को रंगोली से सजाते हैं। रंगोली बनाने के लिए किन-किन चीज़ो का प्रयोग किया जाता है? सूची बनाओ।
पोंगल के दिन घर आँगन को रंगोली से सजाते हैं। रंगोली बनाने के लिए कई तरह की चीजों की आवश्यक्ता होती है। जैसे- चॉक की आवश्यकता होती है, जिससे डिजाइन बनाया जा सके। इसके अलावा रंगोली को सजाने के लिए रंग, दीपक और खुशबूदार फूलों की भी जरूरत होती है। हालांकि पिछले कुछ समय से लोग आर्टिफिशियल रंगोली का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। यह रंगोली बाजार में हर जगह उपलब्ध रहती है।
रंगोली
नीचे दी गई जगह में रंगोली का कोई डिज़ाइन बनाओ।
खाना-पीना
पाठ में ऐसी अनेक चीज़ों के नाम आए हैं जिन्हें खाने-पीने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। बताओ, इनका प्रयोग किन पकवानों में होता है?