नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर क्या लिखा और क्यों? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
नागराजन के अलबम के पहले पन्ने पर उसने लिखा था—
एएम नागराजन— इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।
स्कूल के लड़के—लड़कियों ये लाइनें बहुत पसंद आई थीं और उन्होंने झट से इसे अपने अलबम में टीप लिया था।
नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई?
नागराजन का अलबम उसके मामा ने सिंगापुर से भिजवाया था। नागराजन का अलबम आ जाने के बाद राजप्पा के अलबम को कोई पूछता तक नहीं था। इसका राजप्पा के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा था। राजप्पा, नागराजन से चिढ़ने लगा था। उसका स्कूल जाने का भी मन नहीं करता था। स्कूल में उसकी लोकप्रियता कम हो गई थी। वो नागराजन को घमंडी समझने लगा था। टिकट संग्रह में भी उसका रुझान पहले जैसा नहीं रहा। वह दूसरों को ये साबित करता रहता था कि उसका अलबम नागराजन के अलबम से ज्यादा अच्छा और बड़ा है।
अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
राजप्पा इस बात से दुखी था कि स्कूल में सबने नागराजन का अलबम देखना शुरू कर दिया था। इसलिए वह नागराजन के घर उसका अलबम देखने पहुंच गया। जब उसे पता चला कि नागराजन घर पर नहीं है तो राजप्पा ने अलबम चुरा लिया। उस वक्त राजप्पा की धड़कन बढ़ी हुई थी। वह भागता हुआ अपने घर आया। उसे पता था कि उसने गलत काम किया है। इसलिए वह किसी से नजरें नहीं मिला पा रहा था। उसे रात भर नींद नहीं आई। जलन की भावना ने राजप्पा को चोरी करने पर मजबूर कर दिया था।
राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?
राजप्पा ने नागराजन का टिकट अलबम चुराया था। उसे पता चल गया था कि ये बात पुलिस तक पहुंच सकती है। उसे डर था कि कहीं वह पकड़ा ना जाए। जब दरवाजे की घंटी बजी तो उसे लगा पुलिस आई है उसने पकड़े जाने के डर से अलबम तुरंत अंगीठी में डाल दिया। जिससे वो जलकर राख हो गया। इसके बाद राजप्पा को इसका बहुत अफसोस भी हुआ था।
लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
राजप्पा ने मधुमक्खी की तरह टिकट जमा किए थे। जैसे मधुमक्खी थोड़ा—थोड़ा करके शहद जमा करती है। उसे बस टिकट जमा करने की धुन सवार रहती थी। हर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता। सुबह 8 बजे निकल जाता था। टिकट जमा करने वाले सारे लड़कों के घर के चक्कर लगाता था। जैसे ही स्कूल से घर लौटता बस्ता एक कोने में पटककर फिर से 4 मील दूर जाकर टिकट लाता। इसी तरह मधुमक्खियां भी रात—दिन मेहनत करती हैं और दूर—दूर जाकर शहद जमा करती हैं|
टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।
टिकट और सिक्कों के अलावा लोग किताबें, कप, पेंटिंग्स, ज्वैलरी, लुप्त हो रही चीजें जैसे लालटेन या दीये, जूते, बैग, पेन, टोपी, परफ्यूम, घड़ी आदि जमा करते हैं।
टिकट अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फर्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन-सा तरीका अपनाओगे?
राजप्पा को टिकट अलबम बनाने का शौक था इसलिए वो बहुत मन से टिकट इकट्ठा करता था। टिकट लेने के लिए अगर उसे मीलों दूर भी जाना पड़े तो वो हिचकता नहीं था। सुबह से लेकर शाम तक वो अलग—अलग देशों के टिकट इकट्ठा करता रहता था| उसके जैसा बड़ा और सुंदर टिकट अलबम स्कूल में किसी के पास नहीं था।
वहीं नागराजन को उसके मामा ने सिंगापुर से टिकट अलबम भेज दिया था। नागराजन को इस पर कोई मेहनत नहीं करनी पडी थी और उसे एक बहुत ही सुन्दर टिकट अल्बम भी मिल गया था| ये बना—बनाया अलबम लेकर नागराजन स्कूल में सबका चहेता बन गया था।
अगर ये मेरा शौक होता तो मैं भी राजप्पा की तरह अपने टिकट अलबम को सुंदर बनाने में जी—जान लगा देता।
इकट्ठे किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे-देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।
टिकट को कई आधार पर बांटा जा सकता है।
जैसे- पशु के आधार पर।
-पक्षियों के आधार पर।
-महापुरुषों के आधार पर।
-सामाजिक समस्याओं के आधार पर।
-ऐतिहासिक घटनाक्रम के आधार पर।
-स्वतंत्रता के आधार पर इत्यादि।
कई लोग चीजें इकट्ठी करते हैं और ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज करवाते है। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।
कुछ लोगों को चीजें इकट्ठा करने का शौक होता है और इसी शौक के चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है। चीजें जमा करने के लिए वो अपनी भूख—प्यास तक भूल जाते हैं। चीजें जमा करने का एक अलग ही जुनून पैदा हो जाता है। इसमें वो अपना काफी समय और एनर्जी लगाते हैं। तब जाकर कुछ हासिल करते हैं। चीजें जमा करने के लिए फिर वो बाकी चीजों के बारे में नहीं सोचते हैं। उनमें प्रसिद्धि पाने की लालसा होती है।
राजप्पा अलबम जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फर्क पड़ता? कैसे?
राजप्पा को डर था कि अगर उसने नागराजन को सबकुछ सच बता दिया तो उसे पुलिस पकड़कर ले जाएगी। इसके अलावा नागराजन उससे लड़ पड़ता। वो राजप्पा की मां और पिता को चोरी की बात बता देता। उसको खूब डांट पड़ती नागराजन स्कूल में भी सबको ये बात बताता। स्कूल में सब उसे चिढ़ाते। हो सकता है चोरी के आरोप में राजप्पा का स्कूल से नाम काट दिया जाता। इससे उसे बहुत शर्मिंदगी होती और वो जीवन भर इस ग्लानि से उभर नहीं पाता।
कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।
कक्षा में राजप्पा के अलावा किसी को भी टिकट इकट्ठा करने का शौक नहीं था। उसने एक—एक टिकट के बहुत मेहनत की थी। उसके पास हर देश की टिकट थी। उसका अलबम बहुत बड़ा और सुंदर था। वहीं नागराजन के मामा उसके लिए सिंगापुर से टिकट अलबम लाए थे। उसे उसमें कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी थी। नागराजन से पहले विद्यार्थी सिर्फ राजप्पा का टिकट अलबम देखा करते थे। लेकिन जब नागराजन का नया अलबम आया तो छात्रों ने राजप्पा का अलबम देखना छोड़ दिया। छात्र सिर्फ अलबम को देखकर ही संतुष्ट हो जाते थे। उनकी टिकट इकट्ठा करने या अलबम बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओः
खोंसना जमघट टटोलकर कुढ़ना ठहाका अगुआ पुचकारना खलना हेकड़ी तारीफ़
खोंसना (फँसाना)- साड़ी खोंसकर पहनो तो कभी खुलेगी नहीं।
अगुआ (आगे रहने वाला)- राजेश हर काम की अगुआई करता है।
जमघट (भीड़) - निशि बेहोश हो गई तो स्कूल के छात्रों का जमघट लग गया।
पुचकारना (प्यार करना या मनाना)- बच्चों को खाना खिलाने के लिए उन्हें पुचकारना पड़ता है।
टटोलकर (छूकर अंदाजा लगाकर)- अंधेरे में दिये को टटोलकर ढूंढना पड़ा|
खलना (कमी का एहसास होना)- राजप्पा ने जब नागराजन का अलबम जला दिया तो बाद में उसे यह बहुत खला|
कुढ़ना (ईर्ष्या होना)- दूसरों की सफलता देखकर कुढ़ना अच्छी बात नहीं है।
हेकड़ी (घमंड)- श्याम अपनी कक्षा में हर किसी को हेकड़ी दिखाता है।
ठहाका (जोर की हँसी)- क्लास में रेनू ठहाके मारने लगी।
तारीफ़ (प्रशंसा)- हर कोई राजप्पा के अलबम की तारीफ करता है।
कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उलटा अर्थ देने वाले (विपरीतार्थक) शब्द भी लिखो।
नकारात्मक विशेषण - (विपरीतार्थक) शब्द
मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज मिले, वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो, जिसमें निम्नलिखित बिंदु हों:
(क) खोई हुई चीज
(ख) कहाँ खोई?
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए?
(घ) नोटिस लगाने वाले/वाली का नाम और कक्षा
खोई हुई चीज वापस पाने के लिए नोटिस—
डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहो तो नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक ‘डाक टिकटों की कहानी’ पढ़ो।
विद्यार्थी डाक टिकटों के संबंध में जानकारी के लिए इस पुस्तक को पढ़ें।
राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।
मुझे बचपन से डांस करने का शौक था। बहुत कहने पर मां ने मेरी डांस की क्लास लगा दी। एक टीचर मुझे रोज डांस सिखाने आने लगी। मुझे देखकर मेरी एक दोस्त ने भी मेरी ही टीचर से डांस सीखना शुरू कर दिया। टीचर मुझसे बार—बार कहती थीं कि उपासना को देखो उसने तुमसे बाद में डांस सीखना शुरू किया लेकिन तुमसे अच्छा कर लेती है। मुझे ये सुनकर बहुत कुढ़न होती थी। मैंने दो—तीन बार कोशिश की कि मेरी टीचर उपासना को डांस सिखाना छोड़ दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक दिन उपासना के पैर में चोट लग गई और वो महीने भर बेड पर रही। इस बीच मैंने बहुत मेहनत की और अपनी टीचर को अच्छा डांस करके दिखाया। उस वक्त मुझे एहसास हुआ कि मैं भी अच्छा डांस कर सकती हूं। मुझे किसी से ईर्ष्या की भावना नहीं रखनी चाहिए।
कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत? बताओ।
इस कहानी का अंत बेहद दुखद था। राजप्पा के मन में अपराध की भावना आ जाती है। वहीं नागराजन को भी अपना अलबम गंवाना पड़ता है। राजप्पा से नागराजन का दुख देखा नहीं जाता इसलिए वह उसे अपना अलबम दे देता है। जबकि राजप्पा को अपना अलबम बहुत प्यारा था। उसने उसे बहुत मेहनत से बनाया था। राजप्पा इस घटना के बाद अंदर ही अंदर घुट रहा था लेकिन नागराजन की खुशी के लिए वो चुप रहा। जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था।
कुढ़ता चेहरा, ईष्यालु चेहरा, घमंडी चेहरा, अपमानित चेहरा, भूखा चेहरा, चालबाज चेहरा, भयभीत चेहरा, रुआँस चेहरा
इन भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ।
विद्यार्थी इन भावों की अभिव्यक्ति का प्रयास स्वयं करें।