बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है? बूढ़े बाँस में कौन-सी विशेषता होती है जो युवा बाँस में नहीं पाई जाती?
3 साल से अधिक आयु वाले बाँस को बूढ़ा बाँस कहा जाता है। पुराना होने की वजह से यह बहुत कठोर हो जाता है और जल्दी टूट जाता है। वहीं युवा बाँस मुलायम होता है। इसे सामान बनाने के लिए कैसे भी और किसी भी तरह मोड़ा जा सकता है|
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक चीज तुम्हें कौन-सी लगी और क्येां?
बाँस से कई सारी चीजें बनाई जाती हैं। इन सब चीजों में मुझे सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक चीज मछली पकड़ने वाला जाल जकाई लगा। इसकी बनावट बहुत अलग होती है। इसमें मछली फंसाने का तरीका और आकार भी काफी अजीब होता है।
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी?
पाठ के आधार पर बाँस की बुनाई तब से शुरू हुई होगी जब से मनुष्य जंगलों में घूम-घूमकर खाने की तलाश कर रहा होगा। भोजन को इकट्ठा करके उसे रखने के लिए किसी डलियानुमा चीज की जरूरत पडी होगी। चिड़ियों के घोंसले का आकार देखकर उसने चिड़िया के घोंसल से प्रेरणा लेकर बाँस से डलिया बनाई होगी। इसके बाद बाँस से धीरे-धीरे कई और चीजें बनाई होंगी।
बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो।
भारत के 7 राज्यों में बाँस बहुत ज्यादा होता है। इसी वजह से वहां पर बाँस से बनी ज्यादा चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। ये 7 राज्य इस प्रकार हैं-
(1) अरुणाचलप्रदेश
(2) असम
(3) मेघालय
(4) नागालैंड
(5) मणिपुर
(6) मिजोरम
(7) त्रिपुरा
बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं। लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो:
• संगीत
• प्रकाशन
• मच्छर
• एक नया सन्दर्भ
• फ़र्नीचर
इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं?
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
चमड़ा -----------------------------
घास के तिनके -----------------------------
पेड़ की छाल -----------------------------
गोबर -----------------------------
मिट्टी -----------------------------
इनमें से किन्हीं एक या दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविजन के जरिए उन जगहों की कैसी तस्वीर तुम्हारे मन में बनती हैं?
भारत में 7 राज्य ऐसे हैं जहां पर बाँस सबसे ज्यादा पाया जाता है। इन राज्यों में लोगों का जीवन ज्यादातर बाँस पर ही निर्भर करता है। इन इलाकों में दूर दूर तक बाँस के बने मकान नजर आते हैं। यह लोग हर चीज में बाँस का इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि इनके घर का फर्नीचर भी बाँस की चीजों से बना होता है। बाँस से अलग-अलग प्रकार की टोकरियां बनाकर यह लोग बेचते भी है। कुछ लोगों का तो बाँस का बिजनेस भी होता है। यानी कि इन लोगों का रोजगार बाँस पर ही टिका होता है। इसीलिये कहा जा सकता है कि इन जगहों की साँस ए बाँस बसा है|
इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है? जैसे-
छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है और फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गुँथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो-
(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है?
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है?
(क) शंकु के आकार वाले जाल में ज्यादा मछलियां आ जाती हैं। इसीलिए बाँस से बने शंकु के आकार के जाल का इस्तेमाल मछलियां पकड़ने में किया जाता है।
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है और नीचे का हिस्सा गोलाकार परिधिवाला होता है।
(ग) जिस जाल से मछलियां पकड़ी जाती है शंकु के आकार वाला वह बाँस से बना होता है। बार-बार पानी में इसे डालकर मछलियां पकड़ने से वह गीला हो जाता है। वहीं पानी से निकाली गई मछलियों का भार भी ज्यादा होता है। ऐसे में अगर तेजी से चलेंगे तो भार की वजह से मछलियां आपस में टकराएंगी और मछलियां पकड़ने वाला जाल भी टूट सकता है।
इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो।
‘बुनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला, दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो-
बुन + आवट – बुनावट
ऐसे तीन और शब्द-
लिखावट – स्कूल में तुम्हारी लिखावट बहुत अच्छी थी।
रुकावट – कठिन काम करने में रुकावट जरूर आती है।
सजावट – ऑफिस की सजावट बहुत अच्छी है।
नोक + ईला - नुकीला
ऐसे तीन और शब्द-
पथरीला – राम के गांव में घर से स्कूल तक का रास्ता पथरीला है।
चमकीला – ऑफिस में वह लड़की चमकीला कपड़ा पहनकर आई थी।
भड़कीला – भड़कीले कपड़े ऑफिस में पहनकर नहीं आना चाहिए।
दब + आव - दबाव
ऐसे तीन और शब्द-
बहाव – नदी में उस तरफ मत जाना, पानी का बहाव तेज है।
ठहराव – एक उम्र के बाद जिंदगी में ठहराव आ ही जाता है।
जमाव – सड़क पर लोगों का जमाव कैसे?
घिस + आई - घिसाई
ऐसे तीन और शब्द-
लिखाई – उसकी लिखाई नहीं अच्छी है।
पिसाई – मसालों की पिसाई बाजार में एक ही दुकान में होती है।
रिहाई – बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव की जेल से रिहाई इस साल फरवरी के आखिर में हो गई थी।
नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं-
(क) वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है।
(ख) हम यहाँ बाँस की एक-दो चीजों का ही जिक्र कर पाए हैं।
(ग) मसलन आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है।
(घ) खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं।
श्रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो।
(क) चलन- वहाँ बाँस की चीजें बनाने की खूब परंपरा रही है|
(ख) जिक्र- हमने यहाँ बाँस की एक दो चीजों के बारे में ही बताया है|
(ग) मसलन आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को प्रत्येक गठान से काटा जाता है।
(घ) खपच्चियों से प्रत्येक प्रकार की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं।
तर्जनी हाथ की किस अँगुली को कहते हैं? बाकी अँगुलियों को क्या कहते हैं? सभी अँगुलियों के नाम अपनी भाषा में पता करो और कक्षा में अपने साथियों तथा शिक्षक को बताओ।
अँगूठे के बगल वाली हाथ की अँगुली को ‘तर्जनी’ कहते हैं। बांकी अँगुलियों को अंगुष्ठा, मध्यमा, अनामिका और कनिष्का कहते हैं।
अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्मा, अनामिका, कनिष्ठा- ये पाँच अँगुलियों के नाम हैं। इन्हें पहचानकर सही क्रम में लिखो।
(1) अंगुष्ठा
(2) तर्जनी
(3) मध्यमा
(4) अनामिका
(5) कनिष्ठा