‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि-
(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।
तुम किसे सही मानते हो?
‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है। अतः (ख) सही उत्तर है|
कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।
दिन कारण
पूर्णिमा ------------
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच -------------
प्रथमा से अष्टमी के बीच --------------
दिन कारण
पूर्णिमा चाँद पूरी तरह गोल नजर आता है।
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच चाँद तिरछा नजर आता है।
प्रथमा से अष्टमी के बीच चाँद बहुत पतला नजर आता है।
‘गोल हैं खूब मगर, आप तिरछे नजर आते हैं जरा।’कविता की इस पंक्ति के आधार पर हम कह सकते हैं कि कवि ने चाँद से गप्पे अष्टमी से पूर्णिमा के बीच लगाई होंगी।
नई कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तस्वीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तस्वीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने ‘बि ल कु ल’ शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किस शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
गोल मटोल, तिरछे।
कुछ लोग जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।
यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह गोल-मटोल और ‘तिरछे’ कहे जाने पर जरूर चिढ़ेगा। चाँद के घटने बढ़ने को अगर बीमारी कहा तो यह सुनकर तो वह यकीनन घुस्सा करेगा। इन बातों से चिढ़कर वह जवाब में कहेगा कि तिरछा मैं नहीं तुम्हारी नजर है। मुझे कोई बीमारी नहीं तुम्हारी आँखों में बीमारी है। शायद वह यह भी कह दे कि जाओ अपनी नजर का ईलाज करवाकर चश्मा लगवा लो।
यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो:
पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप
सूरज के साथ गप्प लगाना
सूरज मामा
आग बबूला होकर क्यों फिरते हो?
किसे देख इतना जलते हो
क्यों तुम हर पल आग उगलते हो?
क्यों है तुम में गुस्सा इतना
ऐसे हमको मत देखो
जानता हूं मैं
खुद जलकर दूसरो को जीवन तुम देते हो।
पर इतना जलना भी क्या कि
जीवन मरण बन जाए
अब थोड़ा पिघलो भी मामा
यह तपन जरा कम हो जाए।
सड़क के साथ गप्पें लगाना
अरी ओ सड़क रानी
कहाँ है तुम्हारा घर नानी
कहाँ से शुरू होती हो?
और मुड़कर, घूमकर फिर
कहाँ चली जाती हो?
कहीं तुम रूकती नहीं हो
बस चलती ही जाती है
क्या तुम कभी थकती नहीं हो?
चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेशण है।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि-
(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो।
गुलाबी पगड़ी मखमली घास कीमती गहने
ठंडी रात जंगली फूल कश्मीरी भाषा
उपर्युक्त विशेषणों में जुड़ने वाले प्रत्यय इस प्रकार हैं:
गप्प, गप-शप, गप्पबाजी- क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।
गप्प, गप-शप, गप्पबाजी- इन तीनों शब्दों के अर्थों में मामूली-सा अंतर है।
ऽ गोल-मटोल ऽ गोरा-चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने आपमें कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है।
ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
‘बिलकुल गोल’- कविता में इसके दो अर्थ हैं-
(क) गोल आकार का
(ख) गायब होना!
ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।
ताकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि- कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
पृथ्वी के चारों ओर परिभ्रमण करते हुए चंद्रमा भी पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य का परिभ्रमण करता है। इन्हीं दोनों परिभ्रमणों से वर्ष और मास की गणनाएँ होती हैं। सामान्यतः तीस दिनों के महीने होते हैं जिन्हें चंद्रमा की वार्षिक गति को बारह महीनों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है। तीस दिनों में पंद्रह-पंद्रह दिनों के दो पक्ष होते हैं। जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्ल पक्ष और जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते-घटते अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्ण पक्ष कहते हैं। इसी तरह एक वर्ष के बारह महीनों में छह-छह माह के दो अयन होते हैं। जिन छह महीनों में मौसम का तापमान बढ़ता है, उसे उत्तरायण और जिन छह महीनों में मौसम का तापमान घटता है, उसे दक्षिणायन कहते हैं। संवत के बारह महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।
• अंग्रेजी कैलेंडर की वार्षिक गणना सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण की अवधि के अनुसार तीन सौ पैंसठ दिनों की होती है। इसके महीनों की गणना पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा के परिभ्रमण पर आधारित नहीं है। इसमें वर्ष के तीन सौ पैंसठ दिनों को ही बारह महीनों में विभाजित किया गया है। इस कैलेंडर के सभी महीने तीस-तीस दिन के नहीं होते। अप्रैल, नवंबर, जून, सितंबर-इनके हैं दिन तीस। फरवरी है अट्ठाइस दिन की, बाकी सब इकतीस।
• नीचे दो प्रकार के कैलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखों और प्रश्नों के उत्तर दो।
(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से किस कैलेंडर में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं?
(ख) दिए गए दोनों कैलेंडरों के अंतर स्पष्ट करो।
(ग) कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?
(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से पहले कैलेंडर संवत 2063 में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं।
(ख) पहले कैलेंडर में संवत 2063 के मार्गशीर्ष महीने की तिथियों के बारे में बताया गया है जबकि दूसरे कैलेंडर में सन 2006 के नवंबर और दिसंबर महीने की तारीखें लिखी हुई हैं। पहले कैलेंडर में महीने को कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में बाँटा गया है, जबकि दूसरे महीने में ऐसा कुछ नहीं है।
(ग) जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है उसे शुक्ल पक्ष कहा जाता है और जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते-घटते अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्ण पक्ष कहते हैं।