पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई?
अक्षरों की खोज के बाद मनुष्य ने अपने विचारों को लिखना शुरू किया। आने वाली पीढ़ियों को अपनी जाति, देश और पूर्वजों के ज्ञान के बार में लिखित में जानकारी प्राप्त होने लगी। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान पहुंचने से विकास की प्रक्रिया और तीव्र हो गयी। मनुष्य सभ्य कहलाने लगा। इस प्रकार अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई।
अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।
सबसे पहले प्रागैतिहासिक मानव ने चित्र-संकेत जैसे पशु, पक्षी, मनुष्य के चित्र के जरिए अपने भावों को व्यक्त किया। ये चित्र-संकेत बाद में भाव-संकेतों में बदल गए। जैसे एक गोले के चारों ओर रेखाएँ खींचकर सूर्य का चित्र बन जाता था। इसमें रेखाएं ताप और धूप को दर्शा रही हैं। आगे चलगर भाव को व्यक्त करने के प्रयास में अक्षरों की खोज हुई। यह खोज बहुत ज्यादा पुरानी नहीं है, मुश्किल से छह हजार साल पुरानी है।
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन-किन माध्यमों का सहारा लेता था?
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए चित्र-संकेतों का सहारा लेता था। जैसे पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। आगे चलकर इन्हीं चित्रों ने भाव-संकेतों का रूप ले लिया और मनुष्य इनके माध्यम से अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने लगा।
अक्षरों के महत्व की तरह ध्वनि के महत्व के बारे में जितना जानते हो, लिखो।
अक्षरों के माध्यम से लिखित रूप में मानव अपने भाव व्यक्त कर सकता है जबकि ध्वनि के माध्यम से बोलकर अपने भाव व्यक्त कर सकता है| अक्षरों के बिना लिखना नामुंकिन है, ठीक उसी तरह ध्वनि के बिना बोलने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। जो भी हम सुनते हैं उस हर आवाज को ध्वनि कहा जाता है। अपनी भाषा की सार्थक ध्वनियों के उच्चारण द्वारा ही हम अपने भाव व्यक्त करते हैं। हमारे जीवन में अक्षर के साथ ही ध्वनियाँ भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। दोनों का महत्त्व बराबर है|
मौखिक भाषा का जीवन में क्या महत्व होता है? इस पर शिक्षक के साथ कक्षा में बातचीत करो।
भावों को व्यक्त करने के लिए मौखिक भाषा मुख्य साधन है। अगर आप अपने पूरे दिन के व्यवहार पर एक नजर डालेंगो तो आप जानेंगे कि आप अनगिनत बार अपनी बात को दूसरों को समझाने के लिए मौखिक भाषा का प्रयोग करते हैं। आप हर छोटी से छोटी बात को दूसरों को बताने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके बिना हम किसी मूक और बधिर व्यक्ति के ही समान हैं, जो बोल-सुन नहीं सकता। इसका महत्व इसलिए भी ज्यादा है, क्योकि हर बात आप लिखकर नहीं बता सकते। संक्षेप में कहें तो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मौखिक भाषा का बहुत महत्त्व है|
हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी न किसी वैज्ञानिक का नाम जुड़ा होता है, लेकिन अक्षरों के साथ ऐसा नहीं हैं, क्यों? पता करो और शिक्षक को बताओ।
हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी न किसी खास वैज्ञानिक का नाम इसलिए जुड़ा है, क्योकि वह उसी खास वैज्ञानिक की देन है। किसी वैज्ञानिक खोज के लिए विशिष्ट ज्ञान और ख़ास काबिलियत की आवश्यकता पड़ती है| अक्षरों की खोज के साथ किसी का नाम इसलिए नहीं जुड़ा है क्योकि यह किसी व्यक्ति विशेष की देन नहीं है। यह इंसान द्वारा किए गए सम्मिलित प्रयास का परिणाम है। अक्षरों की खोज एक दिन में नहीं हुई, इसका क्रमिक विकास हुआ। इंसानों ने अक्षरों की खोज के लिए कई ऐसे प्रयास किए जो असफल रहे। इसके बाद धीरे-धीरे अक्षरों का निर्धारण किया और मानव सभ्यता ने संवाद के लिए फिर उनका उपयोग करना सीखा|
एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है। उसी तरह कई भाषाओं को एक ही लिपि में लिखा जा सकता है। नीचे एक ही बात को अलग अलग भाषाओं में लिखा गया है। इन्हें ध्यान से देखो और इनमें दिए गए वर्णों की मदद से कोई नया शब्द बनाने का प्रयास करे।
इन शब्दों को ‘छात्र’ स्वयं बनाएँ।
पुराने जमाने के लोग यह क्यों सोचते थे कि अक्षर और भाषा की खोज ईश्वर ने की थी? अनुमान लगाओ और बताओ।
पुराने जमाने के लोगों को इतिहास के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी साथ ही उस दौर में शोध एवं वैज्ञानिक खोजों को भी बहुत अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता था| वह नहीं जानते थे कि अक्षरों की खोज किसने की है। उनकी आस्था ईशवर से जुड़ी थी। वह सिर्फ ईश्वर को सर्वशक्तिमान मानते थे। यही वजह है कि जिस चीज की खोज के बारे में उन्हें नहीं मालूम होता था, उसे वह ईश्वर की देन मान लेते थे। इसी कारण पुराने जमाने के लोग अक्षर और भाषा की खोज ईश्वर की देन मानते थे|
अक्षरों के महत्व के साथ ही मनुष्य के जीवन में गीत, नृत्य और खेलों का भी महत्व है। कक्षा में समूह में बातचीत करके इनके महत्व के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और कक्षा में प्रस्तुत करो।
जिस तरह मनुष्य के जीवन में अक्षरों का बहुत महत्व है उसी तरह गीत, नृत्य और खेल भी बहुत जरूरी हैं। ये मनुष्य के जीवन में मन-बहलाव के साधन हैं। ये शरीर और मस्तिष्क के विकास में मदद करते हैं। खेल के जरिए हमारे शरीर के विभिन्न अंगों का व्यायाम भी होता है। ये मनुष्य को भावनात्मक रूप से मजबूत भी बनाते हैं। अगर हमारी जिंदगी में ये नहीं होंगे तो हमारी जिंदगी नीरस और उबाऊ हो जाएगी। इस प्रकार ये हमारी जिंदगी में बेहद जरूरी हैं।
क्या होता अगर-
(क) हमारे पास अक्षर न होते?
(ख) भाषा न होती?
(क) यदि हमारे पास अक्षर न होते तो आज हम पूर्वजों से जुड़ी जानकारी न जुटा पाते। हमारे पास इतिहास के बारे में जानने के लिए कुछ न होता। हमारा विकास इतनी तेजी से नहीं हुआ होता। हम पुरानी पीढ़ी के ज्ञान से कुछ नहीं जान पाते। मानव जाति का विकास अवरूद्ध हो जाता और हम वहाँ तक नहीं पहुँच पाते, जहाँ आज हैं।
(ख) भावों को प्रकट करने का भाषा एक मुख्य साधन है। अगर भाषा नहीं होती तो मन के भावों को व्यक्त नहीं किया जाता। लोग अपनी बात को एक-दूसरे से कह नहीं पाते। इससे उनमें अलगाव बना रहता। जिस तरह पशु पक्षी साथ रहकर भी अलग रहते हैं, कुछ वैसी ही स्थिति इंसानों की भी होती।
‘अनादि काल’ में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। यह शब्द मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बना है। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो-
असफल -------------------- अदृश्य ---------------------
अनुचित --------------------- अनावश्यक --------------------
अपरिचित ---------------------- अनिच्छा ---------------------
वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, जैसे नीचे लिखे वाक्य में -
• हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
• कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए ये संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीजों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके, जैसे- चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा माप-तोल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है-
• तीन जग पानी
• एक किलो चीनी
यहाँ रेखांकित हिस्से परिणामवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध माप-तोल से है। अब नीचे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बॉक्स में दिए गए माप-ताल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
तीन------------------- खीर दो ------------------- जमीन
छह -------------------- कपड़ा एक --------------------- रेत
दो -------------------- कॉप़फ़ी पाँच --------------------- बाजरा
एक -------------------- दूध तीन ---------------------- तेल
अपनी लिपि के कुछ अक्षरों के बारे में जानकारी इकट्ठी करो-
(क) जो अब प्रयोग में नहीं रहे।
(ख) प्रचलित नए अक्षर जो अब प्रयोग में आ गए हैं।
अक्षर जो अब प्रयोग में नहीं रहे:
(क) ई, रव, रा, भफ़
प्रचलित नए अक्षरः
(ख) प्रचलित नए अक्षरः
अ, ख, ण, झ। इसके अतिरिक्त अंग्रेजों के शब्दों को हिंदी में लिखने के लिए ‘ऑ’ का प्रयोग होने लगा है। जैसे डॉक्टर।
लिखित और मौखिक भाषा के हानि-लाभ के बारे में दोस्तों के बीच चर्चा करो।
लिखित भाषा लिखी जाती है। लिखित भाषा द्वारा किसी भी बता को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और इसी कारण से लिखित भाषा से हमें इतिहास की जानकारी प्राप्त हो जाती है| इसे सीखने में समय लगता है। दैनिक जीवन में इसका बहुत अधिक प्रयोग होता है। इसी के जरिए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान पहुंच रहा है।
मौखिक भाषा का इस्तेमाल हम अपने दैनिक कार्यों में करते हैं। इसे सीखना बहुत आसान है। जन्म के साथ ही बच्चा माता-पिता का वार्तालाप सुनकर भाषा का ज्ञान पाने लगता है और धीरे धीरे सीखने लगता है, लेकिन मौखिक भाषा का क्षेत्र सीमित होता है। इसके जरिए दो व्यक्ति के बीच भावों का आदान-प्रदान किया जा सकता है, लेकिन दो पीढि़यों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करना संभव नहीं है| दो पीढ़ियों के बीच जानकारी के आदान प्रदान के लिए लिखित भाषा ही सबसे अधिक सहायक है|
अक्षर ध्वनियों (स्वरों और व्यजनों) के प्रतीक होते हैं। उदाहरण के लिए ‘हिंदी’, ‘उर्दू’ और ‘बांग्ला’ आदि शब्दों में प्रत्येक अक्षर के लिए उसकी ध्वनि निर्धारित है। कुछ चित्रों से भी संकेत व्यक्त होते हैं। नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। उनसे क्या संकेत व्यक्त होते हैं, बताओ।
आगे स्कूल होने तथा धीरे चलें का संकेत है।
गोल चक्कर का संकेत है।
दायें मुड़ने का संकेत है।
बायें मुड़ने का संकेत है।
अपने आसपास के किसी मूक-बधिर बच्चों के स्कूल में जाकर कुछ समय बिताओ और अपने अनुभव लिखो।
विद्यार्थी शिक्षक के साथ किसी आसपास के मूक-बधिर बच्चों के स्कूल की यात्रा करें और अपने अनुभव को लिखें और एक दूसरे से साझा करें|