निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
विरासत में मिली चीजों की बड़ी संभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
विरासत में मिली चीजों की सँभाल इसलिए की जाती है क्योंकि-
(क) वह हमें हमारे पूर्वजों की याद दिलाती है और उनसे हमें जोड़े रखती है।
(ख) उन चीजों से हमें हमारे प्राचीन इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है।
(ग) इन चीजों से हमें हमारे पूर्वजों का हमारे निकट होने का अहसास होता है।
(घ) इसमें हमारी संस्कृति की झलक मिलती है। यह धरोहर हमें हमारी संस्कृति व इतिहास से जोड़ती है।
(ङ) ये हमें हमारे पूर्वजों, हमारी संस्कृति, परंपराओं, उपलब्धियों आदि से परिचय कराती है एवं उनसे जोड़े रखती है।
(च) यह हमारी आने वाली पीढ़ी को उनकी सभ्यता के बारे में जानने में मदद करती है एवं नई और पुरानी पीढ़ी को जोड़े रखती है। इसलिए हमें इन्हें संरक्षित करके रखना चाहिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस कविता से तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
यह कविता हमें तोप के विषय में यह जानकारी देती है की यह तोप अंग्रेजों के समय की है। यह तोप सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना द्वारा प्रयोग की गई थी। इस तोप ने बहुत से अन्य युद्धों में भी अपना योगदान दिया था। इसने अनगिनत शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को मार डाला था परन्तु अब यह तोप निष्क्रिय एक बाग में रखी हुई है एवं यह अब केवल प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है। अब पहले से इसका वर्चस्व कम हो गया है। इसमें अब चिड़ियों ने घोसले बना लिए हैं। इससे हमें यह सीख मिलती है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, एक-न-एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कंपनी बाग़ में रखी तोप क्या सीख देती है?
कंपनी बाग में रखी तोप यह सीख देती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होकर रहती है चाहे बुराई कितनी ही प्रबल क्यों न हो उसका अंत निश्चित होता है। यह हमें अतीत से प्रेरणा लेकर भविष्य को सँवारने का संदेश देती है। यह हमें उन तमाम देश भक्तों कि याद दिलाती है जो अंग्रेजों के अत्याचारों की बली चढ़े। यह इस बात का जीता जागता उधारण है कोई कितना भी बलवान क्यों न हो वह सच्चाई के आगे नहीं टिक सकता एवं सबका अंत निश्चित है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कविता में तोप को दो बार चमकाने कि बात कही गई है। यह दो अवसर कौन- से होंगे?
कविता में तोप को दो बार चमकाने कि बात कही गई है यह दो अवसर निम्नलिखित है-
(क) 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)
(ख) 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)
यह दोनों दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों तिथियों पर इस तोप को चमकाया जाता है एवं प्रदर्शनी के तौर पर इसका प्रदर्शन किया जाता है| इसके पीछे कारण यह है कि यह तोप अंग्रेजी सरकार से हमारी जीत और आज़ादी का प्रतीक है। इसलिए राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए इस तोप को चमकाया जाता है ताकि लोगों के मन में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा मिले और लोगों को स्वतंत्रता दिलाने वाले वीरों की याद दिलाई जा सके ताकि वे स्वतंत्रता का महत्त्व समझें और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहें|
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
अब तो बहरहाल छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिडि़याँ ही अकसर करती हैं गपशप।
भाव- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने स्पष्ट किया है कि यह तोप सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना द्वारा भारतीय शूरवीरों द्वारा की गयी क्रांति को कुचलने के लिए प्रयोग की गई थी। इस तोप ने 1857 के क्रान्ति के अलावा भी अन्य बहुत से युद्धों में अपना योगदान दिया था। इसने अनगिनत शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को मार डाला था परन्तु अब यह तोप निष्क्रिय एक बाग में रखी है एवं यह अब केवल प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है। अब पहले से इसका वर्चस्व कम हो गया है| इसमें अब चिड़ियों ने घोसले बना लिए है एवं अब वह पर्यटकों के देखने व बच्चों की घुड़सवारी करने का साधन मात्र बनकर रह गई है। जिस तोप की आवाज़ किसी जमाने में अच्छे-अच्छे सूरमाओं के हौसले पस्त कर देती थी वह तोप चिडियों की गपशप सुनने को विवश है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, एक-न-एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है। समय से बलवान कोई नहीं है।
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
भाव- कवि ने तोप की दयनीय दशा का चित्रण करते हुए कहा है उसकी यह दशा इस बात का प्रतीक है की बुराई पर अच्छाई की जीत होकर रहती है। चाहे बुराई कितनी ही प्रबल क्यों न हो उसका अंत निश्चित होता है। यही कारण है कि तोप इस दयनीय अवस्था में पड़ी हुई है। कंपनी बाग में रखी तोप के अंदर कभी चिडि़या घुस जाती है तो कभी बच्चे उस पर घुड़सवारी का आनंद उठाते हैं। यह हमें उन तमाम देश भक्तों की याद दिलाती है जो अंग्रेजों के अत्याचारों की बली चढ़े। यह इस बात का जीता जागता उधारण है कि कोई कितना भी बलवान क्यों न हो वह सच्चाई के आगे नहीं टिक सकता एवं उसका अंत निश्चित है। कवि ने इन प्रतीकों के माध्यम से सत्ता के बदलते स्वरूप पर व्यंग्य किया है। कवि बताता है कि समय के आगे किसी की नहीं चलती, समय सबसे अधिक बलवान है।
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
उड़ा दिए थे मैंने अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे।
भाव- कवि इन पंक्तियों में कम्पनी बाग में रखी ताप के विषय में बताना चाह रहे है कि इस तोप ने बहुत से युद्धों में अपना योगदान दिया है। इसने अनगिनत शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को मार डाला था। यहाँ कवि तोप की शक्ति के बारे में बताना चाह रहे है की उस तोप की शक्ति बहुत जबरदस्त थी, उसके आगे कोई नहीं टिक सकता था| इसको अंग्रेजों ने भारतीयों पर अत्याचार करने के लिए उपयोग लिया था। इसने अनेक बेगुनाहों को मौत की नींद सुला दिया था। युद्ध में तोप की मौजूदगी शत्रुओं की मौत का कारण बनती थी।
कवि ने इस कविता में शब्दों का सटीक और बेहतरीन प्रयोग किया है। इसकी एक पंक्ति देखिए ‘धर रखी गई है यह 1857 की तोप’। ‘धर’ शब्द देशज है और कवि ने इसका कई अर्थों में प्रयोग किया है। ‘रखना’, ‘धरोहर’ और ‘संचय’ के रूप में।
विद्यार्थी ध्यानपूर्वक पढ़ें ताकि वे पाठ में प्रयोग किये गए विभिन्न भाषाओं के शब्दों को समझ सकें| पाठ में कई देशज शब्दों का प्रयोग किया गया है और ऐसे अनेक शब्द होते हैं जिनके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं| आप पाठ को पढ़कर उन्हें छांटें और उनका अर्थ पता लगाएँ|
‘तोप’ शीर्षक कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।
कंपनी बाग के मुहाने पर सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना द्वारा 1857 की क्रांति को कुचलने के लिए प्रयोग की गई तोप को रखा गया है। इस तोप का महत्त्व है और इसी कारण इस तोप को हमारे देश की आजादी से संबंधित महत्वपूर्ण दिवसों पर चमकाया जाता है एवं प्रदर्शनी के लिए रखा जाता है क्योंकि यह तोप अंग्रेजी सरकार से हमारी जीत और आज़ादी का प्रतीक है। इसलिए राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए इस तोप को चमकाया जाता है ताकि लोगों के मन में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा मिले और लोगों को स्वतंत्रता दिलाने वाले वीरों एवं स्वतंत्रता के महत्व का अहसास हो| इस तोप ने बहुत से युद्धों में अंग्रेजी सेना की ओर से अपना योगदान दिया था| इसने अनगिनत भारतीय शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को मार डाला था| क्रूर सत्ता की प्रतीक यह तोपवर्तमान में प्रदर्शन की वस्तु बनकर कंपनी बाग के मुख्य द्वार पर रखी है। अब इस तोप का प्रयोग बच्चे या पक्षी करते हैं, और वे इससे डरने के स्थान पर इससे खेलते हैं। गौरैया तो इसके मुँह तक में घुस जाती हैं। अब इससे किसी को किसी भी प्रकार का भय नहीं है। यह तोप बताती है कि अन्यायी और ताकतवर का भी एक न एक दिन अंत अवश्य होता है।